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प्रत्येक महिला व बच्चे को आत्मसुरक्षा का ज्ञान होना आवश्यक है- नेहा गंगवार

नगर के आर्यकन्या इंटर मीडिएट कॉलेज गिरधर चौराहा मिर्जापुर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जनपद न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार सिंह के निर्देशन में मानवाधिकार मानव तस्करीए मूल कर्तव्यए घरेलू हिंसा विषय पर आधारित विधिक साक्षरता शिविर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्णकालिक सचिव सिविल जज सी.डि. श्रीमती नेहा गंगवार ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव नेहा गंगवार ने कहा कि मानवाधिकार वह मूलभूत अधिकार है जो सब मनुष्यों को मिलना चाहिए यह सभी का अधिकार और भारतीय संविधान के भाग- 3 में मूलभूत अधिकारों के नाम से वर्णित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मूलभूत अधिकार न्यायालय द्वारा प्रवर्तनी है समता का अधिकार स्वतंत्रता का अधिकार शोषण के विरुद्ध अधिकार धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार संस्कृति एवं शिक्षा का अधिकार एवं संवैधानिक उपचारों का अधिकार हमारे मूल अधिकार हैं जिनकी सुरक्षा का प्रहरी सर्वोच्च न्यायालय है। उन्होंने कहा कि आज महिलाओं व बच्चों के साथ हो रहे अपराधों को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक है कि प्रत्येक महिला व बच्चे को आत्म सुरक्षा का ज्ञान होना चाहिए यह सभी के लिए आवश्यक है जब भी किसी महिला बच्चे के साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो उसकी सूचना महिला हेल्पलाइन 1090 चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 या पुलिस हेल्पलाइन 100 नंबर डायल पर करके देना चाहिए ताकि उपयुक्त समय पर महिला और पीड़ित बच्चे को मदद मिल सके। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इन हेल्पलाइन नंबरों से सभी को अवगत होना चाहिए परिवार के अभिभावक की भी यह महत्त्व जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने परिवार के बच्चों महिलाओं को इन हेल्पलाइन ds बारे में न केवल जागरूक करें बल्कि समय-समय पर उन्हें इसका दिशा निर्देश देते हुए इन शब्दों को कंठस्थ करा देंए ताकि किसी भी हालात या मुसीबत के समय में महिला और बच्चे इन नंबरों का उपयोग कर अपना बचाव और सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। पूर्णकालिक सचिव नेहा गंगवार ने संबोधित करते हुए छात्राओं को आगे कहा कि घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 पॉक्सो एक्ट 2012 अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956 व मूल कर्तव्यों के बारे में विस्तृत जानकारी से उन्होंने विद्यालय की छात्राओं को अवगत कराते हुए एक की उपयोगिता विस्तार से बताए उन्होंने छात्राओं का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि विषम से विषम परिस्थितियों में भी घबराने और डरने की बजाय जमकर डटकर मुकाबला करते हुए कानूनी कार्रवाई के साथ.साथ सामाजिक व्यवस्थाओं से भी दोषियों का मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए उन्होंने कहा कि नारी अबला नहीं है। इस दौरान उन्होंने छात्राओं को शिक्षा संस्कार और सभ्यता को भी अपने जीवन में आत्मसात करते हुए इन 3 शब्दों को अपने जीवन में उतारने की बात कही कहा यह प्रत्येक मानव के लिए आवश्यक है जो उनके कदम को आगे बढ़ाने का कार्य करते हैं और इनसे उनकी पहचान भी बनती है।

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