मड़िहान-तहसील क्षेत्र के अमोई गांव में दलित परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ग्रामप्रधान ने आवास का लाभ तो दिला दिया।किन्तु दबंगई के चलते निर्माणाधीन आवास अधूरे में लटक गया है।राजनैतिक दबाव के चलते पुलिस व् तहसीलप्रशासन न्याय दिलाने से कन्नी काट रहा है।5नवम्बर से परिवार अधिकारीयों की चौखट पर चक्कर लगा रहा है।अमोई गांव निवासिनी इतवारी पत्नी राजाराम,रीता पत्नी शिवराम,महरी पत्नी स्व० फिरतु खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।बताते हैं कि ग्राम सभा की जमीन पर पुश्तैनी कच्चा घर में रहकर तीनों परिवार का पालन पोषण हो रहा था।ग्रामप्रधान घनश्याम कोल के सहयोग से आवास मिल गया।दिवाल भी छत स्तर तक बन गया।दिवाल खड़ा होने के बावजूद छत डालने की बारी आयी तो गांव के ही कुछ दबंग लोग जमीन पर मालिकाना दावा करने लगे।दलितों ने अपना घर भी गिरवा दिया।सोचा था कि ठंडी व वारिस के पहले आवास तैयार हो जायेगा।अब दलित परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को विवस हैं।
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