मिर्जापुर
,महकुचवां स्थित लॉर्ड बुद्ध इंटरनेशनल स्कूल के प्रांगण में बुध पूर्णिमा के शुभ दिवस पर संस्था प्रबंधक इंजीनियर के सी मौर्य ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए, दीप प्रज्वलित
किया। इसके बाद संस्था के अध्यापकगण व छात्र -छात्राओं ने मिलकर कार्यक्रम का आयोजन किया कार्यक्रम में संस्था प्रबंधक ने भगवान बुद्ध के जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि महात्मा बुध का जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु क्षत्रिय कुल के राजा शुद्रोधन के घर में हुआ था ।
उनकी मां का नाम महामाया जो कि कोलीय वंश से थे ।जिनका इनके जन्म के 7 दिन बाद निधन हुआ ।उनका पालन महारानी की छोटी सगी बहन महा प्रजापति गौतमी ने किया। बुद्ध का अष्टांगिक मार्ग देना शांति, ज्ञान व निर्वाण ।जिनका बचपन का नाम सिद्धार्थ था। सिद्धार्थ ने शादी के बाद अपने नवजात शिशु राहुल पत्नी यशोधरा को त्याग दिया।
संसार को दुखों से मुक्ति दिलाने के लिए दिव्याज्ञान की खोज में जंगल में चले गए ।वर्षों कठोर तपस्या के बाद बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई और यह सिद्धार्थ गौतम बुद्ध बन गए। महात्मा बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया और
बौद्ध धर्म की स्थापना की ।भगवान बुद्ध ने चार आर्य सत्य का उपदेश दिया वैशाख पूर्णिमा के दिन उन्हें बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई तभी से यह दिवस बुद्धपूर्णिमा के रूप में जाना जाता है जिसमें संस्था के अध्यापकगण कृति गुप्ता, वर्षा सैनी, येनम अंसारी, अंकित मालवीय, इशान रंधावा,नीलम मौर्या, नेहा मौर्य, पूजा चौहान, अजय यादव,सुनीता, प्राची, इस्मत, स्मिता, अक्षिता, साधना सुरेश व मोनू सहित अनेकों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।