वीरेंद्र गुप्ता मिर्जापुर 94 53 82 1310,
मिर्जापुर छात्र छात्राओं के अभिभावकों में चिंता की लकीर देखी जा रही है ।अभिभावकों का कहना है कि वैसे ही धंधा चौपट हो चुका है रोजगार दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है बच्चों को पढ़ाने लिखाने के बाद कहीं भी नौकरी की गुंजाइश दिखाई नहीं दे रही है ऐसे में बच्चों को पढ़ाने के लिए बैंकों से लिए गए ऋण का ब्याज निरंतर बढ़ता जा रहा है। अभिभावकों की मांग है कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती या बच्चों की शिक्षा के दम पर उनको सरकारी नौकरी मुहैया नहीं हो जाती तब तक छात्र या छात्राएं बैंक से लिए गए ऋण की अदायगी कर पाने में कतई सक्षम नहीं होंगे। शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात नौकरी प्राप्त करने का तनाव छात्र-छात्राएं झेल रहे हैं बल्कि उनके परिजन भी झेल रहे हैं ऐसे में बैंकों के द्वारा निरंतर मैसेज के माध्यम से फोन के माध्यम से ब्याज इस तनाव को और दुखदाई बना दे रहा है।लोगों का मानना है कि बच्चों को शिक्षा दीक्षा के लिए सरकार के द्वारा बैंकों के माध्यम से दिए जा रहे हैं लोन अत्यंत सराहनीय है ,लेकिन मानवीय संवेदना के आधार पर सरकार को चाहिए कि जिस मकसद से छात्र छात्राओं को ऋण दिया गया है, जब तक पूरा ना हो जाए तब तक तगादा सरकार को नहीं करना चाहिए। तत्काल उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले में गंभीरता दिखाए ताकि कोरोना काल के दौरान विषम परिस्थितियों में मिडिल क्लास के छात्र छात्राओं व उनके अभिभावकों का मनोबल ना टूटे। लोगों ने उत्तर प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि विशाल हृदय दिखाते हुए मानवी संवेदनाओं के साथ उन छात्र-छात्राओं की मदद करें जिन्होंने बैंकों से ऋण लेकर पढ़ाई पूरी कर ली है और पढ़ाई पूरी करने के पश्चात नौकरी नहीं लग पाई ऐसे छात्र छात्राओं का या तो ऋण माफ करें या तो उनको तत्काल नौकरी मुहैया कराने का पुख्ता इंतजाम करें। इस गंभीर प्रकरण पर पत्रकारों का संगठन आइडियल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखने की बात कही है।
बैंक से लोन लेकर पढ़ने वाले छात्र छात्राओं का लोन माफ करने की उठी मांग, मिर्जापुर
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