मिर्जापुर, बहुचर्चित प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील में बच्चों को नमक रोटी खिलाये जाने के मामले ने पूरे राष्ट्र का ध्यान मिर्जापुर में केंद्रित कर दिया ।उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में राजगढ़ ब्लाक के सिउर गांव के प्राथमिक विद्यालय में दोपहर के पौष्टिक भोजन के नाम पर बच्चों को दिए जाने वाले भोजन में नमक रोटी परोसे जाने का मामला राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा बन चुका है । मामले का वीडियो जैसे ही मिर्जापुर जिला प्रशासन के संज्ञान में आया था जिला प्रशासन ने अविलंब कार्रवाई करते हुए वीडियो के आधार पर एबीएसए का सस्पेंड बीएसए का ट्रांसफर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि को जेल भेजा जाना ग्राम प्रधान को नोटिस जारी करना विद्यालय के टीचर को सस्पेंड किया जाना यह समस्त कार्यवाही नमक रोटी की वीडियो सामने आने के बाद त्वरित रूप से किया गया। मामला कितना गंभीर था जिसके चलते जिला प्रशासन ने कड़े कदम उठाने से पीछे नहीं रहा। लेकिन घटना के लगभग एक हफ्ता बीत जाने के बाद पत्रकार के खिलाफ मुकदमा और पत्रकार के सूत्रधार के खिलाफ मुकदमा कायम हो जाने के बाद पत्रकारों में उबाल देखने को मिला। इस समूची घटनाक्रम में नया मोड़ आ गया हालांकि पत्रकार के सूत्रधार यानी ग्राम प्रधान के कथित प्रतिनिधि को जेल भेज दिया गया जब पत्रकार के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हुआ तब मिर्जापुर में ही नहीं समूचे देश में पत्रकारों ने अपनी एकता दिखाई ।यह मामला संज्ञान में लेते हुए भारतीय प्रेस परिषद अपनी एक टीम मामले की हकीकत और तह तक जानने के उद्देश्य से मिर्जापुर भेजा गया है ।इस टीम में श्याम सिंह पवार सदस्य भारतीय प्रेस परिषद और सैयद रजा हुसैन रिजवी मेंबर प्रेस काउंसिल आफ इंडिया शामिल हैं। एक शिष्टाचार भेंट में पत्रकारों ने इस प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात किया ।कयास लगाए जा रहे हैं यह प्रतिनिधिमंडल उन तमाम बिंदुओं पर गहन अध्ययन के बाद अपनी रिपोर्ट भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष को सौपेगा । उसके बाद यह रिपोर्ट पार्लियामेंट के सुपुर्द किया जाएगा । भारतीय प्रेस परिषद के प्रतिनिधिमंडल इस मामले से जुड़े सभी का बयान भी लेना चाहेंगे । जिसमें जिलाधिकारी कप्तान प्रधान पत्रकार रसोईया ग्रामीण आदि लोग शामिल हो सकते हैं। भारतीय प्रेस परिषद के प्रतिनिधिमंडल उस पहलू पर भी जांच कर सकती है कि क्यों एक प्रधान का प्रतिनिधि प्रधान के खिलाफ विद्यालय की घटना की जानकारी एक पत्रकार को देता है । इसके पीछे की मंशा का भी सूक्ष्म परीक्षण यह प्रतिनिधिमंडल कर सकती है ।लेकिन सूत्रों के मुताबिक अगर यह नमक रोटी कांड घटना सही है तो पत्रकार और प्रधान प्रतिनिधि के खिलाफ मुकदमा क्यों और अगर यह घटना बनावटी और सुनियोजित तरीके से की गई है तो बीए बीएससी और अन्य सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई क्यों । ऐसे कई सवाल हैं जिसका सूक्ष्मा परीक्षण के उपरांत 1 हफ्ते के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट अध्यक्ष भारतीय प्रेस परिषद को सौंपेगी।
भारतीय प्रेस परिषद का प्रतिनिधिमंडल नमक रोटी कांड की जानेगी हकीकत-MIRZAPUR
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