वीरेन्द्र गुप्ता,9453821310,मिर्जापुर
लॉक डाउन के बीच बाजार में जाकर भीख मांगने की परमिशन के लिए वृद्ध ने किया पुलिस को फोन। ताकि पुलिस डंडा न मारे।
पुलिस के बड़े अधिकारी भानूप्रकाश ने बताया कि उनके पास देर शाम को बेहद निराश, दुखी एवं याचक के करुण क्रंदन गिड़गिड़ाते हुए स्वर में एक व्यक्ति ने फोन किया। परेशान व दुखी व्यक्ति ने फोन पर बताया कि साहब मैं आज सुबह अपने गांव के संपन्न किसानों के खेत में कुछ अन्न की उम्मीद में भिक्षाटन हेतु गया था। धूप की बजह से बीमार पड़ गया। इंटर मैं पढ़ रही जागरूक बेटी ने 108 पर फोन कर एम्बुलेंस बुला ली। मेरी पत्नी और बेटी ने मुझे लालगंज PHC मैं भर्ती कराया इलाज के बाद अभी अभी मुझे PHC लालगंज अस्पताल से छुट्टी देदी है। मैं अस्पताल गेट पर अपनी पत्नी और बेटी के साथ गांव जाने के लिए बैठा हुआ हूँ रात्रि होने को है, लॉक डाउन के कारण कोई साधन नही है। अंधा हूँ,किसी तरह बेटी के हाथ का सहारा लेकर बाहर तक आ गया हूँ। फोन करता वृद्ध व्यक्ति ने बताया कि सयानी बेटी की चिंता है अन्यथा हम दोनों प्राणी तो हमेशा की तरह कई कई दिनों तक बाहर शहरों में भीख मांग कर फुटबाथ पर सोते रहे हैं। अब आप ही हमारे भगवान हो। हमे बचालो.हमे गांव तक पहुँचवा दो..साहब ।
जानकारी के अनुसार जीवन यापन हेतु लाचार, फागू सपत्नी भीख मांग कर अपने बच्चों में 2 बेटियों को 12(इंटर) तक पढ़ा शादी कर दिये। एक बेटी जो अब घर संभालती है इस समय बारहवीं के पेपर दी है। इनका बेटा बीएड करके पुणे में जॉब की तलाश में गया हुआ है।*
ये सुनते ही पुलिस अधिकारी ने तत्काल निर्णय लेते हुए
, फागू की सेवा के लिए तत्काल पुलिस अधिकारी अपने अंगरक्षक व सहयोगियों के साथ निकल पड़े ।और सुरक्षा मैं सशस्त्र, इस नक्सल ग्रामीण आंचलिक क्षेत्र मैं जाने के लिए ,शासकीय वाहन सहित PHC लालगंज के गेट पर पहुंचे। सी ओ जैसे ही वृद्ध द्वारा बताए गए स्थान पर पहुंचे
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बाहरी दीवार से सटे बैठे तीनों असहाय , डरे हुए से , पुलिस अधिकारी को देख रहे थे। भिक्षाटन कर जीविका चलाने वाले फागू से जब पुलिस अधिकारी ने राशन आदि के लिए पूंछा उन्होंने विनम्रता से मना कर बताया, अभी उनके पास खाने के लिए पर्याप्त गेहू चावल है। अन्य जरूरत मंद को दे दिया जाय।
इतना सुनकर पुलिस अधिकारी द्रवित हो उठे और उस वृद्ध को सपरिवार अपनी गाड़ी में बैठाकर उसके स्थान पर पहुंचाया , घर पहुंचाने के बाद जब पुलिस अधिकारी ने और उसके परिवार को राशन इत्यादि देना चाहा तो उसने अपने हिस्से का राशन अन्य आवश्यक व्यक्तियों को दिए जाने की अपील ने बड़ा संदेश देते हुए एक मिसाल कायम किया। और ऐसे लोगों को संदेश दे दिया जो सिर्फ समस्त मुफ्त में मिलने वाले राशन का संग्रह करने की चाहत में बने रहते हैं।
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