*मिर्जापुर*- महाकुंभ प्रयागराज से आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण रविवार को वाहनों का रेला उमड़ पड़ा। हर तरफ लोग जाम से जूझते रहे। मिर्जापुर-प्रयागराज हाईवे दिन-रात जाम की चपेट में रहा। 24 घंटे में जिले की सड़कों से चार लाख से ज्यादा वाहन गुजरे। घंटों लोग जहां-तहां फंसे रहे।विंध्याचल में टोल प्लाजा से ओझला तक, ओझला के आगे नटवा, सेम्फोर्ड स्कूल, शास्त्री पुल होते चील्ह के पुराने बाड़ा तक वाहनों की कतारें अनवरत लगी रहीं। आईजी आरपी सिंह, एसएसपी सोमेन बर्मा, एएसपी आपरेशन ओपी सिंह, यातायात
प्रभारी विपिन पांडेय यातायात यातायात व्यवस्था संभालने में जुटे रहे। सबसे ज्यादा वाहन मध्य प्रदेश, उड़ीसा, बिहार, गुजराज, बंगाल, दिल्ली, छत्तीसगढ़, झारखंड के थे। नेपाल से आने वाली बसें भी जाम में फंसी रहीं।मिर्जापुर शहर में शहर में बिना कायदे-कानून के चल रहे 10 हजार ई-रिक्शा और तीन हजार ऑटो जाम का सबब बन गए हैं। इनके लिए न तो कहीं पार्किंग बनाई गई है और न रूट तय किए गए।
किराये का भी निर्धारण नहीं किया गया। ऐसे में सड़कों पर ही वाहन खड़े कर सवारियां बैठाने की होड़ लगती है, जिसके कारण लोगों को जाम से जूझना पड़ता है। पिछले पांच साल में साढ़े पांच हजार ई-रिक्शा का पंजीकरण कराया गया है। वहीं, ऑटो यूनियन के लोगों के मुताबिक 10 हजार ई-रिक्शा और तीन हजार के करीब ऑटो संचालित हो रहे हैं। नगर में वर्ष 2022 में अवैध स्टैंड हटाए गए थे।शहर में चल रहे 50 फीसदी ई-रिक्शा का पंजीकरण ही नहीं कराया गया। साथ ही इनके
चालकों के पास लाइसेंस तक नहीं है। बिना रजिस्टर्ड, बिना लाइसेंस के वाहन चलाने वालों की संख्या अधिक है। वहीं, 10 प्रतिशत ई-रिक्शा चालक नाबालिग हैं। लाइसेंस बनाने के लिए कैंप लगाया जाता है, लेकिन बहुत कम संख्या में चालक पहुंचते हैं।
भीड़ व जाम के कारण वसूला गया मनमाना किराया,हांफती रही पुलिस*
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