9453821310- मिर्जापुर। छानबे क्षेत्र के बबुरा गांव मे आयोजित दुर्गा पूजनोत्सव कार्यक्रम मे पं सर्वज्ञ महराज ने अपने संगीतमय प्रवचन मे कहा कि जो बुराई मे से अच्छाई निकाल ले वही विद्वान है। कहा कि वह माता धन्य है जिसका पुत्र भगवान का भक्त हो क्योकि भगवान, माता-पिता व बडो की बात मानना ही सच्ची भक्ति का एक प्रमुख अंग है। माता-पिता की सेवा से समस्त देवी-देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अत: माता पिता की सेवा सबसे बडी भक्ति है। भगवान राम को पुरूषोत्तम बनाने मे माता कैकेयी का महत्वपूर्ण योगदान है। कैकयी ने समाज के कल्याणार्थ राम को वन भेजने की बात की। माता कैकयी ने इसके लिए काफी त्याग किया जिसमे पति, पुत्र और खुद का नाम छोडना पड़ा। माता कैकयी ने देवता और मनुष्य के लिए इतना बड़ा फैसला किया। माता कैकयी को बूरा कहना अनुचित है। कहा कि पुत्र कुपुत्र हो सकता है कि लेकिन माता कभी कुमाता नही होती है। भगवान कभी पक्षपात नही करते है वे हमेशा समदृष्टि का भाव रखते है। कहा कि भक्ति नौ प्रकार की होती है जिसमे कोई एक भी भक्ति हो वह तो भागवतकृपा को प्राप्त करता है। कहा कि भगवान की जहां चर्चा व भजन होता है भगवान वहां प्रत्यक्ष रूप से रहते है। भगवान के प्रसाद से अकाल मृत्यु, विपत्ति का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस मौके पर हरी प्रसाद दूबे , शिवसेवक पाण्डेय (सिब्बू), गणपति पाण्डेय, राजमणि पाण्डेय समेत काफी संख्या मे प्रवचन श्रोता मौजूद थे।
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