0 सोमवार को देर शाम जिला अस्पताल पहुचते पहुचते तोडा दम
0 वैश्य समाज व विभिन्न समाज के सैकड़ो लोग व गणमान्य भी पहुचे
0 इनके कार्यकाल मे समाज ने काफी प्रगति किया और जिले भर से अधिक से अधिक लोग जुडे, बडे सम्मेलन आदि भी कराये
मीरजापुर, 1 जुलाई 2019.
मिर्जापुर अग्रहरि समाज के संरक्षक किरन चंद अग्रहरि अब नही रहे, वह लगभग 62 वर्ष के थे।सोमवार को देर शाम जिला अस्पताल पहुचने से पूर्व हीी उन्होने दम तोड़ दिया। जहा चिकित्सको ने उन्हे मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी होते ही अग्रहरि समाज के सैकड़ो लोग जिला अस्पताल पहुच गये।
उल्लेखनीय है कि संरक्षक/पूर्व जिलाध्यक्ष किरन चंद अग्रहरि रविवार को देर शाम अग्रहरि समाज की बैठक मे शामिल हुए और लोगो को संबोधित किया। देर शाम बैठक संपन्न होने के उपरांत डंकीनगंज अग्रहरि समाज के कार्यालय के सामने सडक किनारे समाज के कुछ बंधुओ से बातचीत कर रहे थे कि उसी दौरान गश खाकर गिरे। वहा उपस्थित उनके छोटे भाई रतन चंद अग्रहरि सहित समाज के अन्य लोग उन्हे लेकर आनन-फानन मे जिला अस्पताल पहुचे। जहा चिकित्सको ने उन्हे मृत घोषित कर दिया।
घटना की जानकारी होते ही नाते रिश्तेदार सहित जिले भर के वैश्य समाज के लोगो मे शोक की लहर दौड़ पडी। जिला अस्पताल पर संरक्षक मंडल अध्यक्ष ओमप्रकाश अग्रहरि, शैलेन्द्र अग्रहरि, प्रदेश मंत्री विमलेश अग्रहरि, रूपनारायण अग्रहरि, सुब्रत अग्रहरि, प्रमोद अग्रहरि, पूर्व महामंत्री अजय अग्रहरि, अशोक अग्रहरि, पहाडी मंडल अध्यक्ष भाजपा कृष्ण कुमार अग्रहरि, अखिलेश अग्रहरि आदि पहुच गये।
सोमवार को अग्रहरि समाज के सैकड़ो लोग एवं विशिष्टजन उनके आवास पर पहुचे और उन्हे अंतिम विदाई दी। इस दौरान नगरपालिका अध्यक्ष मनोज जायसवाल, ओपी गुप्ता, शोभनाथ अग्रहरि, संरक्षक मंडल अध्यक्ष ओमप्रकाश अग्रहरि, लाल बहादुर अग्रहरि, ठाकुर प्रसाद अग्रहरि, प्रदेश उपाध्यक्ष रमेश चंद अग्रहरि, प्रदेश मंत्री विमलेश अग्रहरि, महावीर प्रसाद अग्रहरि, दयाराम अग्रहरि, रूपनारायण अग्रहरि, अभिषेक अग्रहरि, संरक्षक शैलेंद्र अग्रहरि, सुब्रत अग्रहरि, समेत सैकड़ो लोगो ने पहुंचकर उनके श्रीचरणो मे श्रद्धांजलि अर्पित की और सभी ने उनकी कमी को समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया।
बता दे कि स्व0 किरन अग्रहरि वर्ष 2002 से 2005 तक समाज के अध्यक्ष रहे और इनके कार्यकाल मे समाज ने काफी प्रगति किया और जिले भर से अधिक से अधिक लोग जुडे। उन्होने इस बीच एक दो बडे सम्मेलन आदि भी कराये थे। उनकी तीन बिटिया और एक बेटा है, सभी की शादी कर चुके थे। सोमवार को ही उनके बेटे के पुत्र की बरही का आयोजन था, लोग खुशी के माहौल मे थे। लेकिन उनके निधन से न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे जनपद का अग्रहरि समाज स्तब्ध हो गया है।