वीरेंद्र गुप्ता मिर्जापुर
राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन
भूमि पोषण अभियान एवं कृषि कर्मठ पुरस्कार, कृषि ज्ञान मंजूसा का विमोचन
मीरजापुर, 31 मई, 2021 कृषि विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा ’’राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी 2021’’ का वीडियो कांफ्रेसिंग का प्रसारण कलेक्ट्रेट स्थित एन0आई0सी0 मीरजापुर में किया गया। जिसमे मण्डलायुक्त योगेश्वर राम मिश्र, जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार, उप निदेशक कृषि, पशु चिकित्साधिकारी, मत्स्य विभाग, उद्यान विभाग, विद्युत विभाग, सिचाई विभाग के अधिकारी उपस्थित रहें। कृषि निदेशक ने गोष्ठी की शुरूआत में पाॅच संकल्प- हरी खाद की व्यवस्था, छोटे जोत को बढ़ाना, पानी को संचित करना, भूमि का सुधार, जैविक खेती पर बल दिया। इन आधारभूत आयामो पर खरीफ उत्पादकता आधारित होगी। सर्वप्रथम बीज एवं खाद उर्वरक की समीक्षा करते हुये यूरिया या डी0ए0पी0 की उपलब्धतता एवं मूल्य विगत वर्ष का ही रहेगा। इसमें कोई वृद्धि नही किया गया हैं। कृषि उत्पादन आयुक्त ने बताया कि इस वर्ष कोरोना कफ्यू मे भी कृषि एवं कृषि यंत्र सम्बन्धित सभी दुकानो को खोलने का निर्देश दिया गया था ताकि किसानो को कृषि कार्य करने मे कोई असुविधा न हो। परिणाम यह हुआ कि इस वर्ष अत्यधिक खाद्यान उत्पादकता के कारण उत्तर प्रेदश को ’कृषि कर्मठ पुरस्कार’ प्राप्त हुआ है। पशुपालन विभाग की समीक्षा मे चारे के रूप मे ज्वार एवं लोबिया पर बल दिया गया और ज्वार का दर 3900 रूपये प्रति क्विटल निर्धारित किया गया। पशुओ मे गलाघोटू रोग के रोकथाम के लिये टीके की उपलब्धतता पर बल दिया गया। निदेशक उद्यान विभाग ने बताया कि नवीन फल जिसमे ड्रैगन फ्रुट, स्ट्रावेरी तथा परम्परागत या स्थानीय फल जैस बेल, आवला, कटहल दोनो प्रकार की फसलो के पैदावार पर ध्यान दिया गया हैं। सब्जी की उत्पादकता को बढ़ाने हेतु किसानो को 20000 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जा रहा है। प्रमुख सचिव दुग्ध, पशुपालन, मत्स्य ने बताया कि खेती मे पशुधन का बड़ा महत्व है जैविक खेती की सभी विधाओ पर बल दिया जा रहा है। निदेश मृदा सर्वेक्षण ने बताया कि ’भूमि पोषण अभियान’ के तहत मृदा शोधन की व्यवस्था की गयी है तथा अम्लीय एवं क्षारीय भूमि की सुधार हेतु सरकार द्वारा अनुदान दिया जा रहा है। गोष्ठी मे मण्डलायुक्त ने मण्डल की कृषि आधारित समस्याओ को लखनऊ पटल पर रखा। मण्डलायुक्त ने कहा कि मीरजापुर एवं भदोही की कृषि भौगोलिक स्थिति बुन्देलखण्ड जैसी ही है इस लिये इन जनपदो मे प्रमाणिक बीज पर छूट मिलना चाहिये। पी0सी0एफ0 को बफर जोन बनाकर खाद का भंडारण किया जाना चाहिये तो वही दूसरी तरफ अच्छी उत्पादकता होने पर गेहूॅ का भंडारण भी किया जा सकता हैं। मीरजापुर के दूरस्थ एवं समीपस्थ दोनो क्षेत्रो मे अत्यधिक टमाटर उत्पादकता के कारण पूर्वाचंल के साथ-साथ यूरोप और जापान को भी निर्यात किया जाता है। इसके लिये एक प्रसंस्करण यूनिट के निर्माण की अत्यधिक आवश्यकता हैं। ब्लैक राइस की खेती को बढ़ावा देने के लिये सरकार द्वारा अनुदान देने की आवश्यकता है ताकि ब्लैक राइस की पहचान को हम वैश्विक स्तर पर पहुॅचा सकें। मार्च 2021 मे आये मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ जी ने भी ब्लैक राइस को सराहा था और इसके विकास पर बल दिया था। नहर एवं माइनर मे सिल्ट एवं मिट्टी के अतिक्रमण से टेल तक पानी न पहुॅचने की समस्या को दूर किया जाना नितान्त आवश्यक हैं। गोष्ठी के समापन मे कृषि मंत्री द्वारा ’कृषि ज्ञान मंजूसा’ नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। यह पुस्तक विविध फसलो के नवाचार तकनीक एवं उत्पादन वृद्धि के साथ-साथ कृषको की समस्याओ के समाधान पर आधारित है। वीडियो कांफ्रेसिंग को राज्य मंत्री कृषि, अपर मुख्य सचिव कृषि, मुख्य अभियन्ता सिचाई विभाग, अपर कृषि निर्देशक ने सम्बोधित किया।