ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से नॉर्थ सेंट्रल रेलवे प्रयागराज के निर्देशन में मिर्जापुर रेलवे कॉलोनी परिसर में टाइप टू जी प्लस टू स्टोरी का निर्माण विवादों में फंस गया है ।स्थानीय लोगों के द्वारा निर्माण कराए जा रहे भवन में मानक के विपरीत सामग्री का प्रयोग किए जाने का आरोप प्रबलता से लगाया जा रहा है। इस बारे में अधिकारी अमितेश से बातचीत करने के दौरान पहले तो उन्होंने गुमराह करने की कोशिश की जब उनको लगा कि संपूर्ण मामला पत्रकारों के संज्ञान में आ चुका है तो लालच प्रलोभन का दौर एनपीएस कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी अपने को बताने वाले ने पत्रकारों को प्रलोभन देने का प्रस्ताव देना शुरू कर दिया । सरकारी रुपयों की लूट खुलेआम मिर्जापुर रेलवे कॉलोनी में देखी जा सकती है ।भ्रष्टाचार अपने चरम पर रेलवे कॉलोनी के नवनिर्मित भवन में देखा जा सकता है।
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके निर्माणाधीन भवन में कार्यरत जिम्मेदार कर्मचारियों ने मान लिया है कि घटिया सामग्रियों का प्रयोग किया जा रहा था अब आगे नहीं किया जाएगा, उसके बावजूद इस महकमे के जिम्मेदार अधिकारियों ने अभी तक ठेकेदार के खिलाफ नोटिस नहीं जारी किया, इसके पीछे कई सवाल खड़े हो रहे हैं ।क्या भ्रष्टाचार में अधिकारियों की भी मिलीभगत है? इस बात की चर्चा पूरे रेलवे कॉलोनी में सभी के जुबान से सुनी जा सकती है।लोग जानना चाहते हैं कि ऐसी कौन सी विवशता है कि निर्माणाधीन भवन की निरंतर निगरानी व समीक्षा करने वाले अधिकारी मौन हैं। अमितेश नमक अधिकारी की निगरानी में निर्माण हो रहा है वह अभी तक चुप क्यों है? सरकार ने जिस अधिकारी को गुणवत्ता परखने की जिम्मेदारी दी है उस अधिकारी ने गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह क्यों नहीं उठाया, क्यों मीडिया कर्मियों को घटिया सामग्री इस्तेमाल किए जाने की जानकारी हो गई लेकिन अधिकारियों को क्यों नहीं हुई, और यदि अधिकारियों को जानकारी हुई है तो उन्होंने अभी तक लीगल एक्शन क्यों नहीं लिया।
रेलवे कॉलोनी में कराए जा रहे निर्माण में भ्रष्टाचार को कर्मचारियों ने भी स्वीकारा, मिर्जापुर
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