ढांचागत सुरक्षा बनाए रखने के लिए चौकियों द्वारा निगरानी किया जाना है जरूरी
बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार के ध्यान से क्षेत्र में विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिल रहा है। लेकिन विकास के इन प्रयासों की सफलता लगातार निगरानी और समय पर रखरखाव पर निर्भर करती है, ताकि इन महत्वपूर्ण संपत्तियों का स्थायित्व और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। मिर्जापुर में शास्त्री ब्रिज जैसे ढांचों के लिए उत्पन्न चुनौतियाँ इन ढांचों को लंबे समय तक सुरक्षित बनाए रखने के लिए नियमित जाँच की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करती हैं।
बार-बार रिपेयर किए जाने के बाद भी मिर्जापुर में गंगा नदी पर बना शास्त्री ब्रिज ओवरलोडिंग की समस्या से जूझ रहा है, जिससे इस ब्रिज और मानव जिंदगी की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। 1976 में बने 50 साल के जीवनकाल वाले इस पुल की तीन बार मरम्मत की जा चुकी है। साल 2021 में इस पुल की मरम्मत में 4.62 करोड़ रुपये का खर्च आया, जिसमें इसके बियरिंग को बदला गया और बीम की ग्राउटिंग की गई। इस पुल पर 28 बार कार्बन फाईबर रैपिंग और केबल ग्राउटिंग का काम किया जा चुका है। ब्रिज कॉर्पोरेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर, आरएस उपाध्याय ने बताया था कि 2021 के मानकों के अनुरूप इस ब्रिज की लोड टेस्टिंग रिपोर्ट में ट्रैफिक सुरक्षित स्तर पर पाया गया था। इतने प्रयासों के बाद भी इस पुल में चार महीने में ही खराबी आ गई, और इस पर से खाली ट्रकों के आवागमन पर रोक लगा दी गई और नवंबर, 2022 में इस पुल को बंद कर दिया गया। इसके बाद, इस पुल की फिर से मरम्मत करने के लिए 7.48 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया, और इसका काम जून, 2023 में शुरू हुआ। एक साल के बाद पिछली मरम्मत की समस्याओं को ठीक करते हुए 23 नवंबर से यह पुल फिर से यातायात के लिए खोला गया, जिस पर अधिकतम 34 टन तक का लोड ले जाने वाले वाहनों को अनुमति दी गई।
लेकिन चुनौतियाँ अभी भी खत्म नहीं हुई हैं और पुल की ढांचागत सुरक्षा को लेकर चिंताएं उत्पन्न हो गई हैं। इस पुल से बहुत ज्यादा ओवरलोड वाले वाहन अभी भी बिना जाँच के गुजर रहे हैं, जिससे इस पुल और इसका उपयोग करने वाले लोगों की सुरक्षा को लेकर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। इस पुल की समस्याओं को ध्यान में रखकर हाल ही में सरकार ने एक छः लेन के पुल और बाईपास के निर्माण को मंजूरी दी है।
यह पुल मिर्जापुर और उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के अन्य मुख्य शहरों के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क का काम करता है। इसलिए भी इस पुल की ढांचागत सुरक्षा और इससे गुजरने वाले लोगों एवं आसपास के समुदायों की सुरक्षा के लिए अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्रवाई और चौकियों द्वारा नियमित जाँच एवं निगरानी किया जाना आवश्यक है।
लगातार ओवरलोडिंग से मिर्जापुर का शास्त्री ब्रिज खतरे में*
आज ही डाउनलोड करें
विशेष समाचार सामग्री के लिए
Downloads
10,000+
Ratings
4.4 / 5