जो सांसद अपने क्षेत्र के विकास के लिए मिलने वाली निधि ना खर्च पाए वो कितना काबिल है इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं. भारत सरकार से सांख्यिकी मंत्रालय के पोर्टल mplad.gov.in के आंकड़ों के मुताबिक मिर्जापुर की सांसद और मंत्री जो 2.25 करोड़ रुपये की आखिरी किश्त इसलिए नहीं दी गई क्योंकि वो पहले से आवंटित 4.26 करोड़ रुपया खर्च नहीं कर पाईं. इस तरह से मिर्जापुर के विकास के निमित 6.50 करोड़ रुपया खर्च हुए बिना रह गया. यह बातें ललितेशपति त्रिपाठी ने मझवां ब्लॉक विभिन्न गांवों में चौपालों के दौरान कहीं. ललितेशपति त्रिपाठी ने कहा कि आज की तारीख में देश और प्रदेश में एक ही गठबंधन अथवा पार्टी की सरकार है. मिर्जापुर का सांसद और पांचों विधायक भी उसी दल अथवा गठबंधन से हैं. तो आज सवाल उठता है कि केंद्र के पांच साल और राज्य सरकार के 2 साल में मिर्जापुर के आम जनमानस के जीवन में क्या बदलाव आया?
ललितेशपति त्रिपाठी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2022 तक हर घर पक्का करने का वायदा किया है. तो मिर्जापुर की सांसद और माननीय मंत्री को यह बताना पड़ेगा कि पांच साल में जिन गांवों को उन्होंने गोद लिया, क्या वहां के सभी घर पक्के हो गए माननीय मंत्री को मिर्जापुर की जनता को बताना होगा कि महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया के तहत मिर्जापुर में एक भी कल-कारखाना क्यों नहीं लगा?
ललितेशपति त्रिपाठी ने शुक्रवार को मझवा ब्लॉक के गड़ौली, चइरहां, रामचंद्रपुर, भैसा, जमुआरी, करसड़ा, गोधना एवं अन्य गांवों में जनसंपर्क किया.
ललितेशपति त्रिपाठी ने किया कई गांवों में जनसंपर्क-MIRZAPUR
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