
VIRENDRA GUPTA-विन्ध्याचल, मीरजापुर । जनपद के ख्यातिलब्ध कला मनीषी दिवंगत पं महेश्वरपति त्रिपाठी के प्रथम पुण्यतिथि पर विन्ध्याचल स्थित शिवरात्रि अतिथि भवन में सोमवार की सायंकाल सांगीतिक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें जनपद के कई नामचीन कला साधकों व संभ्रांत कलाप्रेमियों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया, तत्पश्चात संगीत का कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ।
कार्यक्रम का प्रारम्भ हार्दिक केसरवानी के गिटार वादन से हुआ। गायन के क्रम में श्यामसुंदर ने राग यमन में एक बन्दिश की प्रस्तुति की तत्पश्चात विन्ध्याचल के प्रतिष्ठित कलाकार धर्मेद्र भट्ट ने “श्री राम चन्द्र कृपालु भजमन”, “डिमक – डिमक डमरू कर बाजे” व “अम्बे विंध्य शिखर होरी” भजनों के माध्यम से सभा को भक्ति रस में भींगो दिया। जनपद के ख्यातिलब्ध कलासाधक पं० महावीर प्रसाद चटर्जी ने राग बागेश्वरी व राग सोहनी गाकर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। विन्ध्याचल के ही चर्चित कलासाधक रविशंकर शास्त्री ने अपने भजनों “बोल पिजरे का तोता राम” व “राम कहानी” गाकर आनन्द का माहौल स्थापित कर दिया। त्रिपाठी जी के प्रिय शिष्य मनीष शर्मा के द्वारा प्रस्तुत कत्थक नृत्य ने लोगों को झूमने पर विवश कर दिया। वाराणसी से चलकर आई विख्यात अंतराष्ट्रीय कत्थक कलाकार मधु मिश्रा के भाव नृत्य के प्रदर्शन ने श्रोताओं को भाव विह्वल कर दिया। कार्यक्रम में ऑर्गन पर रजत शर्मा, तबले पर रुद्रेश चटर्जी, जितेंद्र भट्ट व रत्नेश द्विवेदी ने मनमोहक संगत किया व कुशल संचालन विन्ध्यवासिनी प्रसाद केसरवानी ने किया। आयोजक दिनेश्वरपति त्रिपाठी व ओमप्रकाश मिश्र ने समस्त कलाकारों व अतिथियों का सम्मान व आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के दौरान वेणीमाधव मिश्र, मोहनजी स्वामी, रत्नेश भट्ट , शिवशक्ति पांडेय, आनिल सिंह, प्रभु पाण्डेय इत्यादि दर्जनों कलाप्रेमी उपस्थित थे।