उत्तर प्रदेश विधान परिषद की ‘‘दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समति’’ ने सिटी क्लब ने आपदा से सम्बन्धित कार्यशला व जिला पंचायत में आयोजित मण्डल के तीनो जनपदो की बैठक कर आपदा से बचाव व राहत के सम्बन्ध में ली विस्तृत जानकारी
आपदा प्रबंधन सही तरीके से कार्य योजना बनाकर जन धन हानि के न्यूनीकरण की दिशा में करे कार्यवाही -इंजी0 अवनीश कुमार सिंह
ग्राम पंचायत स्तर पर आपदा से पूर्व तैयारियो व बचाव के सम्बन्ध में गोष्ठियां आयोजित कर करे जागरूक
प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयो में भी आपदा से बचाव के बारे में छात्रो को दे जानकारी
दामिनी एवं सचेत एप को आपदा मित्र, ग्राम प्रधान, पंचायत सहायक के मोबाइलो में कराएं डाउनलोड – सभापति
विभिन्न आपदाओ से मिलने वाली धनराशि के बारे में भी लोगो को दे जानकारी-ब्लाक व ग्रामीण अचंलो के सरकारी भवनो पर कराएं वाल पेटिंग
जिलाधिकारी, मीरजापुर, सोनभद्र व भदोही ने अपने-अपने जनपदो के बारे में अब तक की प्रगति के बारे में दी जानकारी
मीरजापुर 05 मई 2025- उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति के सभापति इंजीनियर अवनीश कुमार सिंह एवं मा0 सदस्य सदस्य अंगद कुमार सिंह, पदमसेन चैधरी ने आज जनपद भ्रमण के दौरान स्थानीय सिटी क्लब में दैवीय आपदा प्रबंधन, बचाव व राहत से सम्बन्धित आयोजित कार्यशाला में उपस्थित जन समुदाय, आपदा मित्र, एन0आर0एल0एम0 समूह की महिलाओ सहित अन्य लोगो को बिन्दुवार जानकारी देकर प्रशिक्षित किया गया। कार्यशाला में आपदा से पूर्व बचाव एवं आपदा के दौरान बचाव राहत कार्यो तथा उससे निपटने की स्थिति के बारे में जागरूक किया गया तथा लोगो को बाढ़ वज्रपात के समय बचाव के लिए क्या करना चाहिए उसके बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। बैठक में सभापति ने कहा कि सभी आपदा मित्रो, ग्राम प्रधानो व पंचायत सहायको सहित अन्य सभी को भी अपने मोबाइल एप में दामिनी एप एवं सचेत एप अवश्य डाउनलोड करे यह दोनो एप वज्रपात के बारे में पूर्व सूचना देकर सचेत करता है इस एप से वज्रपात से बचा जा सकता है। कार्यशाला में मा0 सदस्य श्री अंगद कुमार सिंह एवं पदमसेन चैधरी ने आपदा प्रबंधन के तरीके व विभिन्न आपदाओ से बचाव के बारे में जानकारी दी। तत्पश्चात एन0डी0आर0एफ0 के कमांडेड के द्वारा भी कार्यशाला में जानकारी दी गई। इस अवसर पर उपस्थित
आपदा मित्रो से आपदा से पूर्व बचाव व आपदा आने पर राहत व बचाव के बारे में जानकारी भी दी गई। इसके पूर्व जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन के द्वारा सभापति व सदस्यगणो को पुष्प गुच्छ प्रदान स्वागत व अभिनंदन किया गया। कार्यशाला में एन0डी0आर0डफ0, पुलिस, महिला कल्याण विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा आपदा से सम्बन्धित प्रदर्शनी/स्टाल भी लगाया गया।
*जिला पंचायत सभागार में आयोजित की गई मण्डलीय समीक्षा बैठक*
उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति के सभापति व सदस्यगण के द्वारा कार्यशाला के उपरान्त जिला पंचायत सभागार में जनपद मीरजापुर, सोनभद्र व भदोही के अधिकारियों के साथ बैठक कर आपदा प्रबंधन की व्यवस्थाओ व पूर्व प्रभावित लोगो को राहत वितरण के सम्बन्ध में बिन्दुवार समीक्षा की। सभापति इंजीनियर अवनीश कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित मण्डलीय बैठक में समिति के सदस्य अंगद कुमार सिंह, सदस्य पदमसेन चैधरी के अलावा जिलाधिकारी मीरजापुर प्रियंका निरंजन, जिलाधिकारी सोनभद्र बी0एन0 सिंह, भदोही शैलेश कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मीरजापुर सोमेन बर्मा, पुलिस अधीक्षक भदोही के अलावा समिति के साथ समीक्षा अधिकारी व अपर निजी सचिव तीनो जनपदो के अपर जिलाधिकारी व अन्य सम्बन्धित विभागो के अधिकारी उपस्थित रहें। बैठक में जिलाधिकारी मीरजापुर के द्वारा सभापति व सदयगणो को ओ0डी0पी0 से निर्मित स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्रम प्रदान कर स्वागत व अभिनंदन किया गया। तत्पश्चात जिलाधिकारी सोनभद्र व भदोही ने भी स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्रम प्रदान कर स्वागत व अभिनंदन किया गया। बैठक में तीनो जनपदो के जिलाधिकारी तीनो अपर जिलाधिकारी द्वारा अपने-अपने जनपदो के शासन स्तर से अधिसूचित आपदाओ में अब तक पीड़ित परिवारो/लाभार्थियो को दी गई क्षतिपूर्ति व बचाव हेतु किए गए कार्यो के बारे में विस्तृत जानकारी ली गई।
सभापति इंजीनियर अवनीश कुमार सिंह ने तीनो जनपदो के अधिकारियो को आपदा पीड़ितो की सहायता के लिए संवेदनशील रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि आपदा पीड़ितो व आपदा से वितरित किए जाने वाले राहत कार्यो के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी स्वंय संवेदनशील है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जिला स्तर पर कार्य योजना तैयार कर आपदा के न्यूनीकरण के लिए कुशलतापूर्वक कार्य करे पीड़ितो के प्रति मुख्यमंत्री मंशा के अनुरूप नियमानुसार समय से सुविधाएं सुनिश्चित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आपदाओ से अक्सर गरीब परिवार/व्यक्ति ही सबसे अधिक प्रभावति होते है अतः अधिकारी संवेदनशीलता को समझते हुए पूरी पारदर्शिता के साथ बवाव राहत कार्य सुनिश्चित करें। सर्ददंश से होने वाली मृत्यु पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे रोकने के लिए विशेष कदम उठाने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी सरकारी अस्पतालो तथा सामुदायिक स्वास्थ्य, प्राथमिक स्वास्थ्य, सब सेंटरो पर एंटी स्नेक वेनम की पर्याप्त उपलब्धतता प्रत्येक समय सुनिश्चित करना के लिए कहा। उन्होंने यह कहा कि सर्पदंश से मृत्यु की स्थिति सर्वप्रथम पोस्टमार्टम करा ले तथा पीड़ितो को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आधार पर तत्काल आपदा राहत मुआवजा प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में बिसरा सुरक्षित करने की आवश्यकता सुनिश्चित करने की आवश्यकता नही हैं। उन्होंने सर्पदंश से बचाव व उपचार के बारे में भी व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया। यह भी निर्देशित किया कि तहसीलो, विकास खण्डो, नगर पालिकाओ/नगर पंचायतो, सी0एच0सी0, पी0एच0सी0 सहित अन्य सार्वजनिक स्थलो पर सर्पदंश से बचाव व उपचार से सम्बन्धित जानकारी हेतु वाल पेटिंग भी कराई जाए। उन्होंने नदी, तालाब व पोखरे में डूबने से होने वाली मृत्यु को रोकने व जन जागरूकता हेतु ऐसे स्थानो को चिन्हित करे जहां पर अधिक डूबने से घटनाए घटित हुइ हैं, ऐसे स्थानो पर चेतवानी बोर्ड लगाने का सुझाव दिया। आकाशीय बिजली के पूर्व बचाव के लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि ग्राम प्रधान, पंचायत सहायक सहित सभी लोग दामिनी एवं सचेत एप को डाउनलोड करे इस एप के माध्यम से आकाशी बिजली के पूर्व सूचना प्राप्त होती है और इससे बचा जा सकता हैं। इस अवसर पर आकाशीय बिजली से हुई मृत्यु एवं दिए गए राहत के बारे में भी जानकारी प्राप्त की गई। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर आपदा से सम्बन्धित एक कंट्रोल रूम बनाया जाए तथा उनका मोबाइल नम्बर लैण्ड लाइन नम्बर लोगो प्रचारित प्रसारित किया जाए ताकि किसी आपदा की सूचना तत्काल उस क्षेत्र के लोग दे सकें। उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम पर कर्मचारियों की तैनाती कर हमेशा सक्रिय रखा जाए। उन्होंने जल भराव की स्थिति, अस्थायी व स्थायी रैन बसेरो की व्यवस्था, कम्बल वितरण व क्रय प्रक्रिया, नगर निगमो व ग्राम पंचायतो में जलाए गए अलाव आदि के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि बाढ़ व ओलावृष्टि अग्निकाण्ड से क्षतिग्रस्त मकान के सर्वे के साथ-साथ उसमें क्षतिग्रस्त, कपड़ा, बर्तन आदि का भी आकलन करते हुए सहायता राशि दिया जाए, जो शासनादेश में निहित है। ओलावृष्टि व बाढ़ के समय फसलो के क्षति का आकलन पूरी पारदर्शिता के साथ कराया जाए, बाढ़ व ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त सड़को/मार्गो तथा बिजली के खम्भो व तार क्षतिग्रस्त हुए है तो उसके मरम्मत के लिए आपदा से धनराशि सर्वे/मांग के अनुसार सम्बन्धित विभाग को प्रदान किया जा सकता है। इसी प्रकार वन में जानवरो काटने व जंगी सुअर आदि से यदि किसी व्यक्ति घायल अथवा मृत्यु होती है तो ऐसे लोगो को मुआवजा प्रदान करने का निर्देश दिया जाए। उन्होंने नगर में लगाए गए वाटर कूलर तथा उसकी मरम्मत
, रेन वाटर सिस्टम सिंचाई विभाग द्वारा बाढ़ से बचाव हेतु बनाई गई कार्य योजना स्वास्थ्य विभाग की तैयारियो आदि के बारे में विस्तृत जानकारी ली, आयुष विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि स्कूलो में योग्य प्रशिक्षण के लिए संयुक्त कार्यशाला चलाई जाए। वन विभाग से संरक्षित व वृक्षारोपण की स्थिति, अन्नपूर्णा माॅडल शाप के संचालन व आपदा के दौरान की गई तैयारियों के सम्बन्ध में सम्बन्धित पूछताछ की गई सभापति ने कहा कि दैवीय आपदाओ से बचाव राहत कार्यो का प्रचार प्रसार कराते हुए शासन की मंशानुरूप आपदा से प्रभावित लोगो को त्वरित गति से राहत पहुंचाई जाए। उन्होंने विन्ध्याचल रोपवे की बारे में जानकारी लेेते हुए कहा कि प्रत्येक 06 माह में कम से कम एक बार रोपवे का मरम्मत भी सम्बन्धित एजेंसी से कराई ताकि किसी भी प्रकार कि अप्रिय घटना होने से बचा जा सकें।