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सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को लाभ उठाकर किसान बने आत्म निर्भर -केन्द्रीय मंत्री

विकास खंड कोन में आयोजित किया गया कृषि निवेश एवं जैविक किसान मेला, केन्द्रीय राज्यमंत्री ने
दीप प्रज्जवलित कर किया शुभारम्भ

हमारा देश खाद्यान्न में तो आत्म निर्भर है परन्तु दलहन व तिलहन में अभी आत्म निर्भर
होने की आवश्यकता, – -अनुप्रिया पटेल

श्रीअन्न (मिलेट्स) की खेती पर भी अधिक बल देते हुये किसान भाईयों से अधिक से अधिक मात्रा में
श्रीअन्न के खेती करने और उत्पादन पर दिया बल

मीरजापुर 17 नवम्बर 2023- विकास खण्ड स्तरीय रबी कृषि निवेश/जैविक मेला विकास खण्ड परिसर कोन, मीरजापुर में आयोजित किया गया। कार्यशाला का शुभारम्भ अनुप्रिया पटेल, केन्द्रीय राज्यमंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग भारत सरकार/ सांसद, मीरजापुर द्वारा दीप प्रज्जवल कर किया गया। कार्यक्रम में केन्द्रीय राज्यमंत्री द्वारा कृषि विभाग द्वारा लगाये गये जैविक उत्पाद प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित कृषक बन्धुओं को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आज पूरे देश में वर्षा के पैटर्न में परिवर्तन हुआ है। हमारा देश खाद्यान्न में तो आत्म निर्भर है परन्तु दलहन व तिलहन में अभी आत्म निर्भर नहीं हुआ है, दलहन व तिलहन के क्षेत्रफल में विस्तार करने हेतु किसानों का आवाह्न किया गया। साथ ही बताया गया कि जनपद मीरजापुर में वर्ष 2023-24 में कुल 193244 हे0 आच्छादन का लक्ष्य प्राप्त है, जिसमें गेहूँ में 143479 हे0, दलहन में 27705 हे0 तथा तिलहन में 10653 हे0 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मंत्री ने कहा कि घरेलू स्तर पर ही आत्मनिर्भर नहीं बल्कि विदेशी बाजारों में इसका निर्यात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या के कारण दलहन व तिलहन की मांग बढ़ी है जिसकी आपूर्ति करने की आवश्यकता है, दलहन व तिलहन के क्षेत्र में अभी हमारा देश खाद्यान्न की तरह आत्मनिर्भर नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि दलहन व तिलहन को कम पानी की आवश्यकता होती है। मंत्री ने कहा कि सरकार व्यापक स्तर पर प्रयास कर रही है कि जो किसान भाई हैं वे श्रीअन्न की खेती ज्यादा करें और दलहन व तिलहन के क्षेत्रफल में विस्तार हो। उन्होंने कहा कि क्षेत्रफल के विस्तार के लिए सरकार किसानों को कई तरह के सहयोग भी प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में जो बीज किट उपलब्ध कराया जा रहा है वह इस दिशा में उठाया गया एक कदम है। मंत्री ने कहा कि यदि दलहन व तिलहन के क्षेत्र में विस्तार करना है तो उसके लिए समय पर बुवाई व उन्नत किस्म के बीज की बुआई करें तथा जैविक माध्यमों का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि मिनी किट जनपद में प्राप्त हो गया है सभी किसान भाई अपने-अपने विकासखंड से राजकीय कृषि बीज भंडार से 50 प्रतिशत अनुदान पर प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जनपद में 5770 मिनी बीज किट प्राप्त है। मंत्री ने कहा कि आप सभी जो सरकार की सरकारी सुविधाएं हैं उसका लाभ उठाएं व दलहन व तिलहन की खेती के क्षेत्रफल को बढ़ाने में सहयोग करें देश की आत्मनिर्भरता के लिए इसकी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दलहन की खेती से मिट्टी की उर्वरकता भी बनी रहती है तथा पशु के चारे की व्यवस्था होती है।साथ ही बताया कि किसान भाई आज के परिवेश में श्रीअन्न (मिलेट्स) की खेती पर भी अधिक जोर देने की आवश्यकता है। किसान भाई अधिक से अधिक मात्रा में श्रीअन्न के खेती करें और उत्पादन करें, उनके उत्पाद की बिक्री हेतु वर्तमान सरकार प्रयास कर रही है। जिसके सापेक्ष सरकार द्वारा श्रीअन्न का समर्थन मूल्य निर्धारित कर दिया गया है। जिसमें बाजरा 2500 रू0, ज्वार संकर 3180 रू0 तथा ज्वार मालदंडी 3225 रू0 प्रति कु0 निर्धारित किया गया है। साथ ही जनपद में ज्वार व बाजरा के क्रय केन्द्र भी स्थापित कर दिये गये है। मा0 केन्द्रीय मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम आयोजन जा रहा है, जो दिनांक 21 नवम्बर 2023 से शुरू होकर 26 जनवरी 2024 तक चलायी जा रही है, जिसके माध्यम से जनपद के ग्राम पंचायतों में योजनाओं से सम्बंधित प्रचार वाहन घूम-घूम कर जनपद के समस्त विभागों द्वारा चलायी जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी जायेगी। कार्यक्रम में मंत्री द्वारा उपस्थित किसानों को सरसो का मिनीकिट बीज निःशुल्क उपलब्ध कराया गया जिसमें क्रमशः कमलेश कुमार चैबे कमासिन, कैलाश सिंह सारीपट्टी, जगदीश मिश्र गहिया, शम्भूनाथ यादव श्रीपट्टी, शफीलाल बल्लीपरवा, महेन्द्र प्रताप सिंह सेमरा, नन्हकू सिंह मुजेहरा, शंकर मौर्या पुरजागीर, राजकुमार बिन्द हुसैनीपुर व मुल्कराज सिंह जगदीशपुर के साथ लगभग 225 किसानों को सरसों मिनीकिट बीज निःशुल्क वितरित किया गया।
अनिल कुमार सिंह, ब्लाक प्रमुख पति कोन एवं समाज सेवी द्वारा उपस्थित किसानों को बताया कि स्वस्थ अनाज पैदा करके ही शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। जिस पर स्वास्थ्य पर होने वाले व्यय को बचाकर अन्य उपयोग में ला सकते है। साथ ही किसान भाईयों को श्रीअन्न की खेती करने हेतु सलाह दिया गया।
उप कृषि निदेशक, मीरजापुर विकेश कुमार द्वारा विभाग से सम्बन्धित योजनाओं की जानकारी दी गयी तथा किसानों से पराली न जलाने के सम्बन्ध में आवाह्न भी किया गया साथ ही बताया गया कि जनपद मेंकृषि विज्ञान केन्द्र, बरकछा के वैज्ञानिक डा0 एस0एन0 सिंह द्वारा उपस्थित कृषकों को बताया गया कि अंधाधुंध उर्वरकोंध्रसायनों के प्रयोग से किस प्रकार से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है, बल्कि इससे मानव के शरीर पर गम्भीर दुष्परिणाम देखने को मिल रहे है, जिससे मनुष्य विभिन्न प्रकार की गम्भीर बीमारियों से ग्रसित होता चला जा रहा है। मानव ही नहीं मिट्टी में जीवांष कार्बन की मात्रा बहुत ही कम होती जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप उपज में निरन्तर गिरावट देखने को मिल रही है। बताया गया कि किसान भाई
अपने खेतों के जिप्सम का प्रयोग करें, तिलहन में दो बोरी प्रति बीघा व दलहन व खाद्यान्न में एक बोरी प्रति बीघा की दर से जिप्सम का प्रयोग करें, जिससे रोगध्व्याधि नहीं लगते व तिलहन में तेल का प्रतिशत बढ़ जाता है। जिससे गुणवत्तायुक्त उत्पाद प्राप्त कर अपनी आय में वृद्धि कर सकते है। डा0 सुधीर कुमार श्रीवास्तव, जनपद सलाहकार रा0खा0सु0मि0 द्वारा उपस्थित कृषकों को श्रीअन्न (मिलेट्स) जैसे- ज्वार, बाजरा, कोदो, सांवा, रागी के महत्व व उपयोग पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला गया तथा इन श्रीअन्न से किस प्रकार उत्पादव्यंजन बनाकर अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते है, चर्चा की गयी। के0के0 सिंह, एस0एम0एस0 द्वारा उपस्थित कृषकों को प्राकृतिक खेती पर चर्चा करते हुए बताया गया कि किसान जीवामृत, बीजामृत, घनामृत का प्रयोग करके शुद्ध खाद्यान्न प्राप्त कर सकता है तथा उन्होंने जीवामृत, बीजामृत व घनामृत बनाने की विधि विस्तार पूर्वक बतायी।
कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री हरिशंकर सिंह, अपनादल जिलाध्यक्ष राम लौटन बिन्द, उदय पटेल, शंकर चैहान व कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन पंकज द्वारा द्वारा किया गया।

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