*स्वामी के निर्देशों का पालन करना ही असली भक्ति – नारद महराज*
*सक्तेशगढ़*
गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर गुरु महाराज जी के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हुए भक्तों ने स्वामी जी के निर्देशों का पालन किया।
चुनार थाना क्षेत्र के चौकी शक्तेशगढ़ के परमहंस आश्रम शक्तेषगढ़ में आज गुरु पूर्णिमा के अवसर पर जहां लाखों की भीड़ होती थी वही ऐसे महामारी के बीच स्वामी अड़गड़ानंद महाराज के निर्देशानुसार सभी लोग अपने अपने घरों पर ही गुरु पूर्णिमा का निर्वहन किए साथ ही कुछ भक्तो का आना जाना आश्रम परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दिखाई दिए।
स्वामी अड़गड़ानंद महाराज को आश्रम में न रहने के कारण भक्तों में कमी देखी गई वहीं आश्रम परिसर में संतों के द्वारा गुरु महिमा के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया एवं गुरु के बताए हुए रास्ते पर भी चलने का आह्वान किया गया।
साधु संतों ने भजन के माध्यम से भक्तों को अपने भक्ति भाव के रास्ते पर चलने के लिए बताया वही भजन के माध्यम से आश्रम के संत जयंत बाबा तानसेन महाराज ने सभी आए हुए भक्तों को अपनी अमृतवाणी वर्षा कर भाव विभोर कर दिया।
*नारद महराज*
नारद महाराज ने कहा कि गुरु के भक्ति भाव से समर्पित कर निहस्वार्थ सेवा करना चाहिए तभी प्रेम रुपी परमात्मा को पाया जा सकता है और गुरु के द्वारा बताए हुए रास्ते पर चलने का भी प्रयास करना चाहिए तभी भवसागर से मुक्ति मिल सकती है नारायण महाराज जी ने कहा कि यथार्थ गीता मानव मात्र का धर्म शास्त्र है सबको इसका अनुसरण करना चाहिए।
यथार्थ,गीता मजहब मुक्ति है तमाम प्रकार की भ्रांतियां को नष्ट कर अंधकार से प्रकाश की तरफ ले आते हैं यथार्थ गीता जीवन दर्पण है मानव मात्र का धर्म शास्त्र है जिस के जनकारी से जीने की कला को सिखाती है
तानसेन महाराज गुरु महिमा का वर्णन करते हुए भजन के माध्यम से भक्ति के रस में अपनी सुरीली आवाज में भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
वही आश्रम की तरफ से ऐसे महामारी को देखते हुए पूरा आश्रम परिसर एवं रास्तों को ऑटोमेटिक मशीन द्वारा सैनिटाइजर किया गया मेन गेट पर भी सेंट्राइस के सिस्टम को ही भी लगाया गया था एवं भक्तों के गाड़ी एवं सामानों को भी बारीकी से सुरक्षित सनराइज किया गया।
यहां यथार्थ गीता कम मूल्य पर वितरण किया गया जिससे हर व्यक्ति ले सके।
यथार्थ गीता वितरण करते हुए विनय,और चिंटू आदि लोग उपस्थित हैं।