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*मिर्जापुर*- मिर्जापुर के पटेहरा कला गांव में रुर्बन मिशन योजना के तहत स्थापित 89 लाख रुपए का बल्क मिल्क कूलर प्रोजेक्ट पिछले चार वर्षों से ठप पड़ा है।
यह प्रोजेक्ट क्षेत्र के पशुपालकों के लिए वरदान साबित होने वाला था, लेकिन मशीन की खराबी ने उनकी आशाओं पर पानी फेर दिया है। स्थानीय पशुपालकों को अब अपना दूध मिर्जापुर तक ले जाना पड़ता है, जहां उन्हें बाजार से काफी कम कीमत मिलती है।
गर्मियों में स्थिति और भी चिंताजनक हो जाती है, क्योंकि लंबी दूरी तक ले जाने में दूध के खराब होने का जोखिम बना रहता है। कूलिंग सुविधा के अभाव में पशुपालक अपना दूध औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं।अधिकारियों की उदासीनता इस समस्या की मुख्य वजह बन गई है। चार साल बीत जाने के बाद भी न तो मशीन की मरम्मत कराई गई और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई।
इससे आक्रोशित पशुपालकों ने जनप्रतिनिधियों से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।यह प्रोजेक्ट जो कि पशुपालकों के आर्थिक विकास का माध्यम बनना था, अब सरकारी धन की बर्बादी का उदाहरण बन गया है।
स्थानीय प्रशासन से मांग की जा रही है कि वह जल्द से जल्द मशीन की मरम्मत कराए और प्रोजेक्ट को पुनः चालू करे, ताकि पशुपालकों को उनके दूध का उचित मूल्य मिल सके।