पूर्वांचल राज्य की मांग एक बार पुनः आरपीआई के नेता व उत्तराखंड उत्तर प्रदेश व पूर्वांचल के प्रभारी श्याम धर दुबे ने उठा दिया है श्याम धर दुबे ने कहा है कि पूर्वांचल राज्य बनाए जाना यह अति आवश्यक प्रतीत होता है यदि पूर्वांचल राज्य बनेगा तो इससे कम से कम विकास की किरणें कोने – कोने तक पहुंच पाएंगे और जब पूर्वांचल का मुख्यमंत्री होगा तो पूर्वांचल का विधान भवन भी होगा और समूचे क्षेत्र में चौमुखी विकास जबर्दस्त हो पाएगा |बेबाक राय देने में माहिर दुबे ने एक और आरक्षण के मुद्दे पर अपना विचार रखा एक तरफ जिस पार्टी से श्याम धर दुबे जुड़े हुए हैं वह पार्टी स्वयं आरक्षण पक्षधर माना जाता है लेकिन श्याम धर दुबे ने जो बात रखी वह यदि स्वयं उनके पार्टी के बड़े नेताओं ने स्वीकार किया तो राष्ट्रीय स्तर पर इसपर पुनः बहस अवश्य चढ़ जाएगा | आरक्षण की जो बात श्याम धर दुबे ने रखा उनका मानना है कि आरक्षण उन लोगों को भी मिलना चाहिए जो सामान्य वर्ग से हैं और दलित से भी बदतर जीवन व्यतीत कर रहे हैं कहने का आशय उनका यह है कि यदि कोई व्यक्ति किसी भी जाति का है चाहे वह वैश्य समुदाय से हो चाहे ब्राह्मण समुदाय से हो या क्षत्रिय समुदाय से हो लेकिन यदि उसकी आर्थिक स्थिति अति दयनीय है तो वह भी आरक्षण की श्रेणी में होना चाहिए कुल मिलाकर आरक्षण की बात का समर्थन करते हुए आरक्षण का दायरा बढ़ाने का जो पैरवी श्याम धर दुबे ने किया है इस से तमाम वर्गों में एक बार पुनः आरपीआई के प्रति वह उत्तराखंड उत्तर प्रदेश व पूर्वांचल प्रभारी श्याम धर दुबे के प्रति लोगों की आस भरी निगाहें बढ़ सकती है|
आर्थिक आधार पर होना चाहिए आरक्षण -उत्तराखंड,उत्तर प्रदेश प्रभारी
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