9453821310-एन एच 7 टेंगरा मोड़ वाराणसी से हनुमाना मिर्जापुर को फोरलेन बनाने के लिए भूस्वामियों व किसानों की जमीन अधिग्रहित किए जाने का मामला आज जिला कलेक्ट्रेट पहुंचा। मिर्जापुर जिला अधिकारी कार्यालय में एनएच 7 के किनारे रह रहे किसान आंदोलित व आक्रोशित दिखाई दिए। जिलाधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन के दौरान मीडिया से बात करते हुए s l o स्तर पर मुआवजे जैसी गंभीर प्रकरण पर किसानों की मांग को लगातार अनसुना करते रहने से आज प्रभावित किसानों ने जमीन अधिग्रहण के बदले उचित मुआवजा ना मिलने से खफा जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया व मांग किया कि जिलाधिकारी मिर्जापुर द्वारा जारी सर्किल रेट के मुताबिक किसानों को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है ।जबकि प्रदर्शनकारियों का गांव विकासशील गांव राजस्व ग्राम के अंतर्गत आता है ।सड़क के किनारे की भूमि का रेट 500 वर्ग मीटर तक, सड़क पर ₹3300 प्रति वर्ग मीटर की दर से होना चाहिए। उसके बाद 500 से 1000 वर्ग मीटर तक उसका आधा तथा शेष 2000 वर्ग मीटर तक द्वितीय रेट का आधा मूल्यांकन करके इसके 4 गुने पर मुहावजा निर्धारित होना चाहिए। लेकिन शासन द्वारा सड़क के किनारे स्थित भूमि का मूल्यांकन 360000 प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मूल्यांकन करके किसानों का मुआवजा दिया जा रहा है ।जो सरासर किसानों के साथ अन्याय है ।प्रदर्शनकारियों का मानना है कि जिस प्रकार से पैमाने के वक्त मूल्यांकन करके स्टांप शुल्क लिया जाता है उसी प्रकार किसानों की भूमि का मूल्यांकन करके किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व ग्राम प्रधान संजय सिंह, सी ए अरुण कुमार सिंह ,ग्राम प्रधान अशोक सिंह ,माता प्रसाद पटेल, अवनीश कुमार सिंह एडवोकेट आदि लोगों ने किया । सैकड़ों की संख्या में आए समस्त प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि 10 जुलाई 2018 को नारायणपुर सरदार पटेल त्रिमुहानी पर अनिश्चितकालीन धरना दिया गया था उस वक्त भूमि अध्यापित अधिकारी द्वारा धरना स्थल पर पहुंचकर भूस्मियों को आश्वासन दिया गया था।
जमीन अधिग्रहित किए जाने का मामला जिला कलेक्ट्रेट पहुंचा-MIRZAPUR
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