वीरेंद्र गुप्ता
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की पहचान मेटेल उद्योग से प्राचीन समय से ही माना और जाना जाता है लेकिन मेटल व्यवसाय समाप्त होने की कगार पर आ खड़ा है ,जल्दी ही यदि जिला प्रशासन और प्रदेश की सरकार ध्यान नहीं लेती तो एक बड़ी पहचान मिर्जापुर से छीन सकती है। आज सभी के जुबान पर एक ही सवाल है कि क्या मिर्जापुर का मेटल व्यवसाय बंद हो जाएगा जानकार बताते हैं कि उसी क्षेत्र में व्यवसाय बढ़ता फलता फूलता है जहां व्यापारी भयमुक्त व चिंता मुक्त रहकर व्यवसाय कर सके ,लेकिन जनपद मिर्जापुर में व्यापारियों की चिंता दिनों दिन दिन दुगनी रात चौगुनी हो रही है।व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने बताया कि नए कानून के तहत बेलन मशीन और भट्टी भी लगाना अब पुराने जगहों पर मुश्किल हो गया है ऐसे में लोग अपने व्यापार को अपने कुटीर उद्योग को कहां ले जाए ? बताया गया हे कि मिर्जापुर में मेटल उद्योग का काम कई घरों में पुराने समय से होता चला आ रहा है जो कुटीर उद्योग का रूप हो चुका था मगर अब व्यापारियों में एनजीटी के भय के चलते मेटल व्यवसाय जैसे लुप्त प्राय हो रहा है ।प्रदूषण विभाग के रवैया के चलते व्यापारियों ने कारोबार बंद करने का प्लान किया हे, तो वही लोगों ने मांग किया कि यदि जल्दी सरकार मेटल जोन का निर्माण नहीं करती तो कुछ समय मैं वर्तमान में चल रहा व्यवसाय अवैध हो जाएगा और सारे व्यवसाय बंद हो जाएंगे। मेटल व्यापारियों ने मांग किया कि स्पेशल इकोनॉमिक जोन के नाम से एक बड़ा क्षेत्रफल घोषित किया जाए जिसमें सारी सुविधाएं मौजूद हो। जनपद मिर्जापुर के इस पुरानी व्यवसाय में इतनी क्षमता है कि उद्योगपतियों ने बताया कि आज के युवक को नौकरी भले ही ना मिले लेकिन इस व्यवसाय के संरक्षण के लिए और व्यवसाय करने का उपयुक्त माहौल यदि सरकार दे दे तो एक-एक युवा हजारों हजार लोगों को रोजगार देने का काम इस उद्योग के माध्यम से कर सकता है। व्यापारियों ने सरकार से अपेक्षा किया है कि उनको सिर्फ विशेष क्षेत्र मुहैया कराई जाए जिसमें बिजली-सड़क-पानी नाली उपलब्ध हो । इस प्रकरण पर मिर्जापुर जिला उद्योग केंद्र उपायुक्त वी के चौधरी ने बताया कि एनजीटी के नियमों के बाद कार्य योजना बनाई जा रही है।
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