वीरेंद्र गुप्ता मिर्जापुर 94 53 82 1310,
जी हां इन दिनों नवयुवक लड़के लड़कियों की शादी को लेकर तमाम प्लेटफार्म का हवाला देकर लोग सीधे उन लोगों से संपर्क कर रहे हैं जिनके घर में जवान लड़के और लड़कियां शादी योग्य हो चुके है। मिर्जापुर में भी इसी तरीके से कई परिवार के लोग इस गिरोह के झांसे में आकर फस चुके हैं । अपनी मेहनत की कमाई गवा चुके इसी तरीके का एक संपन्न परिवार ने अपनी आपबीती बताई। पीड़ित के मुताबिक अग्रवाल एंड ब्राह्मण मैरिज समाज संस्थान की तरफ से राधिका नाम की महिला ने फोन के माध्यम से संपर्क करके मिर्जापुर निवासी संभ्रांत परिवार के लड़के की शादी अच्छे घर की लड़की से कराने का सपना दिखाया। टेलीफोन से वार्ता के पश्चात राधिका के द्वारा लड़के की चाची के मोबाइल पर एक सुंदर कन्या का फोटो भेज दिया गया जिससे लड़के पक्ष के लोगों को लगा कि उनकी मुरादें पूरी हो जाएंगी क्योंकि हर किसी को सुंदर बहू की इच्छा होती है। फोटो को देखते ही पहली ही नजर में मन ही मन लड़के पक्ष के लोगों ने राधिका के द्वारा भेजे गए फोटो में अपने घर की बहू के रूप दिखने लगे। लड़के वालों ने गिरोह की सक्रिय महिला राधिका के द्वारा मुंह मांगी फीस ऑनलाइन जमा कर दी। फीस जमा करने के पश्चात गिरोह की सक्रिय महिला सदस्य जिसका नाम राधिका बताया जा रहा है ने लड़की के घरवालों से कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत कराया। बातचीत के शुरुआती दौर में ही गिरोह की महिला सदस्य के द्वारा लड़का पक्ष और लड़की पक्ष को कड़ी हिदायत दे दी गई कि आप दोनों लोग आपस में बातें कर ले लेकिन कोई भी पक्ष दूसरे पक्ष का संपूर्ण पता और फोन नंबर नहीं पूछेगा और ना ही साझा करेगा। इस शर्त पर कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लड़का पक्ष मिर्जापुर वासी लड़की पक्ष ने बातचीत शुरू कर दिया बातचीत के दौरान लड़की पक्ष ने अपने आप को पहले राजस्थान का मूल निवासी बताया उसके बाद प्रतापगढ़ का रहने वाला बताते हुए वर्तमान में वाराणसी में रहने की बात कबूल की है ।जब कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लड़का पक्ष और लड़की पक्ष आपस में बातचीत कर रहे थे तो उसके बाद पीड़ित लड़के पक्ष की इच्छा तेज हो जाती है की रिश्ता अच्छा समझ में आ रहा है अतिशीघ्र हमको लड़की वाले के घर का पता और फोन नंबर मिल जाए ताकि हम लोग सामने सामने बात कर सके और रिश्ता पक्का हो सके ।इस इच्छा को भांपते हुए गिरोह की सक्रिय महिला ने ₹5000 और लड़के पक्ष से जमा कराने की बात कही जिस पर लड़के पक्ष की चाची के द्वारा दोबारा ₹5000 महिला सदस्य(राधिका) के कहने के मुताबिक जबलपुर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा खाता संख्या 20327590465 में खाता संचालक ऋतु सिंह ठाकुर के नाम ऑनलाइन जमा करा दिया गया। उसके बाद लगातार लड़के पक्ष की चाची के द्वारा गिरोह की सक्रिय महिला से संपर्क साधने का प्रयास किया जा रहा है कोई जवाब न मिलने से लड़का पक्ष अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है ।लड़के पक्ष की चाची ने बताया कि इस तरीके के गिरोह के द्वारा कई लोग ठगे जा चुके होंगे ,और लोग दोबारा इस गिरोह के चक्कर में ना पड़े इसके लिए उनका प्रयास मीडिया के माध्यम से सहयोग लेने की हुई ।बताना आवश्यक है कि लड़के पक्ष ने जब बातचीत के दौरान लड़की पक्ष के तरफ से बताए गए बनारस के पते पर अपने रिश्तेदारों से और जानकारी हासिल करना चाहा तो कहीं कोई इस तरीके के आदमी के होने की बात नहीं सामने आई जिसके चलते लड़का पक्ष ने मान लिया कि उसके साथ ठगी का कांड हो गया। अनुमान लगाया जा रहा है कि लड़की पक्ष के जिस आदमी ने लड़की के पिता होने की बात स्वीकार करते हुए लड़का पक्ष के चाची से बातचीत शुरू किया उस लड़की पक्ष के कथित पिता भी गिरोह का सक्रिय सदस्य बताया जा रहा है।
इस मामले में जानकारों ने बताया कि फर्जी काम करने वालों का नाम पता फोन नंबर और खाता संख्या सभी लघु काल के लिए होता है ।उसके बाद जब यह शिकार फंसा लेते हैं तब यह सारे नाम पता और नंबर खाता नंबर बदल दिए जाते हैं या बंद कर दिए जाते हैं ।ऐसे में पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होती है कि इस तरीके के एक घटना को किस तरीके से पर्दाफाश किया जाए।