भदोही में समाचार कवरेज करने के दौरान पत्रकार के साथ पुलिस के द्वारा दुर्व्यवहार की घटना से पत्रकारों में भारी आक्रोश है ।
घटना 5 जनवरी 2022 की है ।पीड़ित पत्रकार भरत टॉकीज देसी शराब की दुकान पर समाचार कवरेज कर रहा था इतने में कुछ पुलिस कर्मियों के द्वारा वीडियो बना रहे पत्रकार को वीडियो बनाने से मना किया गया पत्रकार ने कहा कि वीडियो बनाना मेरा काम है और आप मेरे काम में हस्तक्षेप मत करिए इतने में वहां मौजूद सिपाही आगबबूला होकर पत्रकार को जबरदस्ती पकड़ते हुए मोबाइल छीन लिया ,पत्रकार को अकेला समझ कर पुलिस कर्मियों के द्वारा दुर्व्यवहार करते हुए थाने पर लाकर प्रताड़ना दिया गया ।
पीड़ित पत्रकार का आरोप है कि मोबाइल में लगे स्वराज एक्सप्रेस के स्टीकर को भी पुलिसकर्मियों ने नोच दिया और मोबाइल में कैद वीडियो को डिलीट कर दिया ।
पुलिस शराब के ठेके पर क्यों गई थी पुलिस ने ठेका पर से कितने लोगों को उठाया यह जानने का अधिकार सबको है पत्रकार ने अपनी पत्रकारिता निष्पक्षता से करने के उद्देश्य से हिम्मत दिखाते हुए घटनास्थल पर पहुंचकर समाचार कवरेज कर रही थी इतने में पुलिस ने पत्रकारिता रोकने की हिमाकत की है ।
उक्त घटना के बाद पुलिस के द्वारा पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार किए जाने से पत्रकारों में भारी आक्रोश है ।जनर्लिस्ट वेलफेयर सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता ने घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल भारद्वाज सोनकर नामक सिपाही के निलंबन की मांग की है।
पीड़ित पत्रकार सुरेश( इलेक्ट्रॉनिक चैनल )ने पुलिस अधीक्षक और पुलिस महानिरीक्षक से मांग किया है कि दारु की दुकान के सामने लगे सीसीटीवी कैमरे से फुटेज इकट्ठा किया जाए और फुटेज के आधार पर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फरमान है कि पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । निरंतर सरकार की तरफ से आदेश जारी किए जा रहे हैं कि पत्रकार को निष्पक्ष रूप से पत्रकारिता करने के लिए बेहतर माहौल तैयार किया जाए लेकिन उसके बावजूद कुछ पुलिस कर्मी शासन के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए कानून को ताक पर रखकर काम करने के लिए कटिबद्ध है।