मिर्ज़ापुर- कुँवारी माँ ,जी हां ये शब्द जितना छोटा है इतना ही पीड़ादायक भी 15 वर्ष की छोटी सी उम्र में गर्भवती हो जाना और 16 साल की दहलीज पर आते आते माँ का दर्जा मिल जाना ।ततपश्चात माँ बनते ही बेटे का अपहरण हो जाना कितना बड़ा पहाड़ टूटने जैसा एहसास उस लड़की के ऊपर होगा या समस्या रूपी पहाड़ो की बरसात के समकक्ष दर्जा दिया जाय तो अतिश्योक्ति नही होगी ।जी हां मिर्ज़ापुर पड़री थाना के पास रहने वाली पूनम का कसूर इतना था ,की उसके घर वाले प्राइवेट संस्था के कर्जदार थे ।कर्ज अदायगी में मुश्किले आयी तो घर छोड़कर रहना पड़ा मगर घर की रखवाली हेतु अपनी बेटी को छोड़ दिया और खुद बकायेदारों से बचने हेतु दूर चला गया ।घर में अकेली देख लड़की को पड़ोसी ने अपनी हवस का शिकार बनाया जब गर्भ ठहर गया तो शादी का वादा किया ।शादी से मुकर जाने पर पुलिस ने सक्रियता दिखाई और उस लड़के को हवालात भेज दिया ।आज जब पूनम माँ बनी तो मिर्ज़ापुर जिला महिला अस्पताल से पैदा होने के 10 घण्टे बाद बच्चा गायब हो गया ।पुलिस ने मामले को संज्ञान में ले लिया है ।बच्चा गायब होने का महिला अस्पताल में यह कोई पहला मामला नही है ।बच्चा कौन ले गया धरती निगल गयी या आसमान ले गया यह तो देर सबेर पता चल सकता है ।परंतु उस कुँवारी माँ का क्या होगा जो इतनी कम उम्र में धोखा व् अपहरण जैसे जघन्य अपराध का साक्षात्कार कर रही है ।एक कन्या पर सामाजिक जुल्म की ऐसी दास्ता शायद ही सुनने को मिलती है ।सारी मानवीय संवेदना समाज की ,सामाजिक संस्थाओं की ,महिला आयोग की ,राजनैतिक दलों की इस खबर के चलने के पश्चात सबके सामने होगी ।संवेदना सूचकांक की स्थिति आज समाज में क्या है ?
कन्या पर सामाजिक जुल्म की ऐसी दास्ता शायद ही सुनने को मिलती है-MIRZAPUR
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