सन 1944 में मुंबई के बंदरगाह में अग्निशमन के अधिकारी आग पर नियंत्रण करते वक्त 44 अधिकारी व कर्मचारी जिंदा जल गए थे| उस दुखद घटना को याद करके उनके आत्मा को शांति प्रदान के लिए मिर्जापुर जिले में अग्निशमन अधिकारी के नेतृत्व में समस्त कर्मचारियों ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया आयोजन के पश्चात इस बात का निर्णय लिया गया कि हम सब मिलकर सप्ताहभर जनपद मिर्ज़ापुर में आग पर नियंत्रण व आग लगने के बचाव के तमाम उपाय लोगों को बताया जाएगा | पूरे 1 सप्ताह का कार्यक्रम विशेष रूप से लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से रखा गया है, ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो तो बेहतर है| हलाकि आग लग जाने पर तुरंत अग्निशमन के अधिकारी मुस्तैद रहते हैं लेकिन फिर भी इनकी कोशिश यह है कि प्रिवेंशन इज बेटर देन क्योर , का जो फार्मूला है इस पर भी काम करती दिख रही है | सावधानी ज्यादा से ज्यादा बरता जाय ताकि दुर्घटना कि संभावना बहुत न्यूनतम हो जाए |और मीडिया से बात करते हुए अधिकारी ने तमाम वह नुस्खे भी बताएं जो प्रायः लोग इस्तेमाल करके बड़ी हानि को रोक सकते हैं|
आग पर नियंत्रण करते वक्त 44 अधिकारी, कर्मचारी जिंदा जल गए थे-CHANDREASH SHARMA
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