मीरजापुर मे कुल 80 गांव चकबन्दी प्रक्रिया के अन्तर्गत प्रचलित है

चकबन्दी के पास असीमित शक्तियां, पारदर्शिता के साथ चकबन्दी कार्य करते हुए प्रत्येक व्यक्ति को दिलाए न्याय -जिलाधकारी

जिलाधिकारी ने चकबन्दी प्रक्रिया के अन्तर्गत प्रचलित ग्रामो मे प्रारूप-1 लगायत 09 तक के कार्यो एवं वादो के निस्तारण की समीक्षा कर ली जानकारी

मीरजापुर 10 नवम्बर 2025- जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार ने आज कलेक्ट्रेट सभागार मे चकबन्दी प्रक्रिया के अन्तर्गत प्रचलित ग्रामो मे प्रारूप-1 लगायत 09 तक के कार्यो एवं वादो के निस्तारण आदि की समीक्षा सम्बन्धित अधिकारियो के साथ करते हुए बिन्दुवार जानकारी ली। जिलाधिकारी ने कहा कि चकबन्दी अधिकारियों के पास असीमित शक्तियां है अपने शक्तियो का सदुपयोग करते हुए गांव मे चकबन्दी कार्य का पारदर्शिता के साथ करे ताकि प्रत्येक व्यक्ति को न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करे कि किसी दबाव व किसी परिस्थिति मे किसी साथ अन्याय न होने पाए। उन्होंने कहा कि गांव मे छोटे-छोटे झगडो के जड़ो को समाप्त करने के लिए चकबन्दी प्रक्रिया प्रचलित है चकबन्दी कार्य मे न्याय करने के साथ ही जमीन पर न्याय दिखना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रायः यह पाया गया है कि चकबन्दी के नक्शा आदि बनाने के समय बटा नम्बर अथवा मिलजुमला छोड़ दिया जाता है जो आगे चलकर गांव मे समस्या कारण बनता है। नक्शा बनाते समय इस विषय पर विशेष ध्यान रखा जाए। संचालक चकन्दी ने जिलाधिकारी को बताया गया कि जनपद मे कुल 80 गांव चकबन्दी प्रक्रिया के अन्तर्गत प्रचलित है जिसमे से 10 गांव धारा-52 करा दिया गया है मार्च 2026 तक 12 और गांव का भी धारा-52 पूर्ण करा लिया जाएगा, शेष मे चकबन्दी के विभिन्न स्तरो पर प्रगति चल रही है। उन्होंने बताया कि 12 नए गांव मे चकबन्दी प्रक्रिया प्रारम्भ करने के लिए शासन को भेजा गया है। बैठक मे भू मित्र का पुनरीक्षण धारा-7, पड़ताल स्तर धारा-8, विनिमय अनुपात निर्धारण धारा-9, पुनरीक्षत वार्षिक रजिस्टर निर्माण धारा-10, स्वत्व सम्बंधी अवशेष वादो का निस्तारण, प्रारम्भिक चकबन्दी योजना का निर्माण व प्रकाशन धारा-20, चकबन्दी योजना का पुष्टीकरण धारा-23, चक सम्बंधी अवशेष वादो का निस्तारण धारा-6 (क), कब्जा परिवर्तन धारा-24, अन्तिम अभिलेख की तैयारी धारा-27, उप संचालक चकबन्दी द्वारा धारा-48 (1) व 48(3) के अन्तर्गत निस्तारण तथा चकबन्दी अधिकारी व सहायक चकबन्दी अधिकारियों के पास लम्बित मुकदमो की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक गांव मे जहां चकबन्दी प्रक्रिया जिस स्तर पर प्रचलित है वहां पर पारदर्शिता के साथ प्रगति लाते हुए अग्रिम कार्यवाही की जाए तथा लम्बित मुकदमो विशेषकर 05 वर्ष पुराने मुकदमो का निस्तारण प्राथमिकता पर किया जाए ताकि लोगो को न्याय मिल सके। बैठक मे अपर जिलाधिकारी भू0/रा0 देवेन्द्र प्रताप सिंह, बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी अशोक त्रिपाठी सहित सभी चकबन्दी अधिकारी व सहायक चकबन्दी अधिकारी उपस्थित रहें।

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