ऋण लेकर व्यापार करने वालों को मिलनी चाहिए राहत ,मिर्जापुर

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कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए केंद्र सरकार के फैसले को जहां जनपद वासी दूरदर्शिता करार दे रहे हैं और यह मान रहे हैं कि मोदी सरकार के सही और सटीक निर्णय के चलते विश्व में अन्य देशों के मुकाबले भारत में कम जन की हानि दर्ज हुई है तो वही केंद्र और राज्य की सरकारों से बेरोजगारी से मार और ऋण के ब्याज से दबते जा रहे व्यापारियों ने सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए एकजुट हो रहे हैं। तो वहीं युवा उद्यमी वेदांश ट्रेडर्स के प्रोपराइटर ने बताया कि इन दिनों समूचा व्यवसाय बंद हो जाने की वजह से भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है। मिर्जापुर का अति प्राचीन व जनपद को पहचान देने वाला मेटल उद्योग अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है ।हालांकि ज्यादातर व्यवसाय कोरोना वायरस के माहौल से प्रभावित है ,लेकिन वह छोटे उद्यमी जिन्होंने ऋण लेकर सरकार के विभिन्न योजनाओं के तहत रोजगार की शुरुआत की थी उनके सामने रोजगार करना किस्त निकालना व ब्याज बैंकों को देना असंभव प्रतीत हो रहा है। उससे ज्यादा खतरनाक स्थिति युवा उद्यमियों के सामने भविष्य को लेकर भी ज्यादा दिखाई दे रहा है। लोगों ने मांग किया है कि सरकार तत्काल ऐसे व्यापारियों का सूची बनाएं जिन्होंने सरकार की विभिन्न योजनाओं से ऋण लेकर व्यवसाय शुरू किया है उनका ब्याज तत्काल माफ करें ,और अति शीघ्र इस बात की घोषणा करें की जिला उद्योग केंद्र द्वारा दिए गए तमाम योजनाओं के तहत किए जा रहे हैं व्यापार पर किसी भी प्रकार का ब्याज 3 वर्षों तक नहीं लिया जाएगा। मानसिक दबाव और भविष्य की चिंता को लेकर उद्यमियों के चेहरे पर चिंता की लकीर देखी जा रही है। लोगों ने केंद्र सरकार से उम्मीद जताया कि सरकार इस तरफ भी विशेष राहत पैकेज का ऐलान जल्द ही करें ताकि व्यापारी अवसाद से बच सकें। साथ ही आज केंद्र सरकार के उस फैसले पर जिसमें प्रधानमंत्री ,राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति व समस्त सांसदों के वेतन में 30% की कटौती के निर्णय की सराहना की। व्यापारियों ने कहा कि सरकार वास्तव में देश के लोगों की चिंता करती है सरकार यह मान बैठी है कि 2 साल तक सांसद निधि न दिए जाने से क्षेत्र में विकास पर बुरा असर पड़ेगा। एक दिन जनता कर्फ्यू और 21 दिन के लाक डाउन से तमाम जीवन को तो बचाने का काम सरकार ने किया है जो अत्यंत सराहनीय है इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण की चर्चा के चलते पिछले 1 महीने से ज्यादा वक्त से माहौल खराब हो जाने के कारण मेटल के दामों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। व्यापारियों ने सरकार से कहा कि बैंकों को निर्देशित करें ताकि बैंक तत्काल कर्ज पर ब्याज न लिए जाने की घोषणा सार्वजनिक करें।