
किड्नी कैंसर दिवस एपेक्स के चिकित्सकों ने स्वस्थ्य किड्नी के प्रति किया जागरूक
एपेक्स वेलकेयर ट्रस्ट द्वारा संचालित ट्रस्ट हॉस्पिटल एवं बीएएमएस, फार्मेसी, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल शिक्षण संस्थानों के लिए विश्व किड्नी कैंसर दिवस पर डीन प्रो सुनील मिस्त्री एवं आयुर्वेद संकाय के एकेडमिक हेड प्रो यशवंत चौहान के दिशा निर्देशन में जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। जागरूकता सत्र का संचालन करते हुए काय चिकित्सा विभाग की प्रोफेसर डॉ गौरी चौहान एवं रोग निदान के डॉ सुनील सिंह ने गुर्दे की कार्य प्रणाली के आयुर्वेदिक पहलू को रखते हुए इससे बचाव के लिए धूम्रपान छोड़ने, तरल पदार्थों का अधिकाधिक सेवन, किड्नी स्वास्थ्य की नियमित जांच हेतु जागरुक किया।
एपेक्स की कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ अंकिता पटेल, नेफ़रोलॉजिस्ट डॉ संदीप देशमुख, यूरोलॉजिस्ट डॉ पीके केशरी एवं स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ मनीषा नारायण ने बताया कि किडनी कैंसर के सबसे आम लक्षणों में पीठ या पेट में एक तरफ दर्द, विशेषकर निचले हिस्से में, पेशाब में खून, किडनी में सिस्ट बनना या बढ़ना और बिना किसी कारण के वजन कम होना, लंबे समय से मूत्र संबंधी समस्याएं, अनियमित रक्तचाप किडनी कैंसर का संभावित लक्षण हो सकता है। पारिवारिक इतिहास या किडनी में सिस्ट का बढ़ना, लंबे समय तक दर्द निवारक दवाओं का सेवन करना किडनी की बीमारियों और सिस्ट के बढ़ने का कारण बन सकता है जो किड्नी कैंसर के जोखिम होते हैं। हमें नियमित रूप से समय समय पर सीटी स्कैन, अल्ट्रसाउन्ड, मूत्र आदि की जाँच करानी चाहिए। क्रोनिक किडनी डिजीज से पीड़ित को नियमित स्कैनिंग करा किडनी में किसी प्रकार के सिस्ट के बनने या बढ़ने का पता चलने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए।
किड्नी कैंसर की संभावनाओं को समझते हुए नेफ़रोलॉजिस्ट बायोप्सी या पेट स्कैन की सलाह दे सकते हैं, एपेक्स की कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ अंकिता पटेल ने अवगत कराया कि अगर प्रारम्भिक अवस्था में ही किड्नी कैंसर का पता लग जाता है तब क्लीनिकल ऑनकोलॉजिस्ट इमयूनोथेरेपी या कैंसर सर्जन आंशिक नेफ्रेक्टॉमी सर्जरी से इसका इलाज करते है। उन्नत अवस्था में कैंसर सर्जन द्वारा किडनी को पूरी तरह से निकाल दिया जाता है और यदि कैंसर फैला हुआ है तो रेडिएशन थेरेपी द्वारा कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर इसके आकार को छोटा कर इसका इलाज किया जाता है।