अल्ट्रासाउंड कराने की लाइन में लगे मरीजों के हक को निगलने वाले कौन

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मिर्जापुर मंडलीय अस्पताल में जरूरतमंद लोगों को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए पहले भारी मानसिक उलझन से गुजरना पड़ता है।लाइन में लगे मरीजों ने बताया कि सुबह से लाइन में खड़े रह

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कर इंतजार करने के दौरान बीच बीच में सफेदपोश धारक स्टाफ ,के साथ आते हैं और तुरंत बिना लाइन में लगे अंदर जाकर अपना अल्ट्रासाउंड करा लेते है । नाराज मरीज ने कहा कि अगर नियम कानून बना है तो सभी के लिए एक समान होना चाहिए जो डॉक्टर के परिचित हो या स्टाफ के परिचित है उनके साथ क्यों लाइन में लगने वाला कानून नहीं होता है?या किन वजहों से उनका विशेष सुविधा दिया जाता है इसको लेकर लाइन में लगे मरीज चिंतित नजर आए।मरीजों ने आरोप लगाया कि पहले से लाइन में खड़े लोगों के साथ अन्याय किया जा रहा है अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था दुरुस्त करके उसपर अमल किया जाना चाहिए ताकि सभी मरीजों के साथ न्याय हो सके और मरीजों के हक को मारने वालों को सजा भी मिल सके।मनमाने तरीके से जंगल राज कानून के तहत हो रहे अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था पर पुनर्विचार अस्पताल प्रशासन को अवश्य करनी चाहिए।बताते चले की आज दिन मंगलवार को सुबह 9:00 बजे के आसपास ही अल्ट्रासाउंड सेंटर पर विवाद बढ़ गया लाइनों में हेर फेर और वीआईपी ट्रीटमेंट के बाद अल्ट्रासाउंड कर रही एक नर्स ने बिना लाइन में खड़े मरीजों को अंदर करके सुविधा दिए जाने का विरोध भी किया लेकिन उस ईमानदार नर्स की नहीं चल सकी।