आज दिनांक 09/02/2025 एस० एन० पब्लिक स्कूल मीरजापुर के परिसर में विदाई समारोह बहुत ही सौहार्दपूर्ण एवं आकर्षक ढंग से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती के चरणों में डॉयरेक्टर द्वारा पुष्प अर्पण और दीप प्रज्जवलित करते हुए किया गया। छात्रों के द्वारा माँ सरस्वती की वंदना की गयी। छात्रों के द्वारा स्वागत गीत गाये गये एवं कई मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। पूरा परिसर हर्षोल्लास से भरा हुआ था। आज बच्चों के हृदय में अपने सीनियर के प्रति अपार खुशियाँ भरी हुयीं थीं जो समन्वय की भावना का
प्रतीक है। इस शुभ अवसर पर विद्यालय के डॉयरेक्टर डॉ० राजेश सिंह ने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय कवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित कविता की कुछ पंक्त्तियों सुनाकर विपत्ति में, विरोध में अडिग रहो, अटल रहो,
विषम समय के चक्र में भी साहसी प्रबल रहो.
तपा है जो जला है जो चमक उसी में आई है,
समस्त ताप-तम में भी बढ़े चलो सफल रहो.
बस एक लक्ष्य साध कर गगन की ओर उड़ चलो,
घटा घिरी अटूट हो मगर सदा सबल रहो.
कमी कहाँ पे रह गई विचार इसपे तुम करो,
ये स्वप्न भी न देखना कि तुम कभी विफल रहो.
बड़ा विचित्र शत्रु है मनुष्य का निराश मन,
उदासियों को त्याग कर सबल रहो, प्रबल रहो.
बच्चों के हृदय में अनंत उर्जा का संचार करते हुये कहा कि आज हमारे स्कूल में एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हो रहा है। मेरे प्यारे शिष्य जो हमसे आज अलग होने जा रहे हैं, वैसे तो ये खुशी का दिन है क्योंकि आज सब अपने नये भविष्य के लिये तैयार हैं, आज इस विदाई समारोह का आयोजन इसलिये किया गया है ताकि हम अपने छात्र जिन्होंने अपनी शिक्षा पूर्ण कर ली है। उन्हें हम खुशी-खुशी विदा कर सकें और उनके उज्जवल भविष्य की कामना कर सकें। आज आप इस विद्यालय को छोड़कर कालेज में दाखिला लेगें और अपने सपनो को नया आयाम देगें। यहाँ जो कुछ सीखा आप को नये सफर पर ले जायेगा और वहाँ जाकर जो कुछ सिखोगें वो आपको काम आयेगा। मैं हमारे छात्रों को उनके मेहनत और लगन के लिये बधाई देता हैं। आपने न केवल अपनी शैक्षिक
यात्रा में उत्कृष्टता हासिल किये बल्कि आपने हमारे स्कूल की परंपरा को भी आगे बढ़ाया है। मैं हमारे शिक्षकों और माता – पिता को भी धन्यवाद देता हूँ, जिन्होंने हमारे छात्रों को इस मुकाम तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मेरे प्यारे छात्रों, जैसे आप नए अध्याय की शुरुआत करते हैं। में आपको यह सलाह देता हूँ कि आप हमेशा अपने सपनों को पूरा करने के लिये कठिन परिश्रम करें, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ रहें, और अपने माता-पिता और शिक्षकों की सलाह को हमेशा माने। मैं आप सबकी उज्जवल भविष्य की मंगल कामना करता हूँ और शुभकामनायें देता हूँ कि आप का प्रत्येक पल सुख समृद्धि का द्योतक हो। यह विदाई समारोह भारतीय संस्कृति, सभ्यता और परम्परा का अमूल्य प्रतीक है।