VIRENDRA GUPTA – विकास खण्ड सीटी के शंकराचार्य आश्रम रायपुर पोख्ता में चल रहे पाँच दिवसीय आध्यात्मिक सत्संग के दूसरे दिन काशीधर्म पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणानन्द तीर्थ महाराज ने कहा कि भगवान को सबसे ज्यादा प्रेम प्यारा है “राम ही केवल प्रेम पियारा”अतः सम्पूर्ण मानव जाति को चाहिए भगवान से प्रेम करते हुए समस्त प्राणी से सदभाव प्रेम रखे। चाहे परिवार हो चाहे समाज हो प्रेम से ही हम सबका दिल जीत सकते हैं।
पुनः स्वामीजी ने कहा भगवान हमारे भीतर यंत्र लगाया है ईश्वर को देखो इसलिए कर्म करना चाहिए । अकर्मण्य नही होना चाहिए । स्वामीजी ने कहा क्रोध विरोधी भाव क्या है क्षमा । क्रोध से लोभ उत्पन्न होता है जो क्रोध को रोक लेता है उसकी उन्नति होती है जो नही रोक पाता उसका विनास हो जाता है जो रोक लेता है वही तेजस्वी विद्वान है। क्षमा ही सम्पूर्ण जगत को धारण कर रखा है क्षमा तेजस्वी पुरुषों का तेज है और तपश्वियो का वृहम है इसलिए हर नर नारी को क्षमाशील होना चाहिए जो सब कुछ सह ले वही संत है जहाँ क्षमा है वही लक्ष्मी निवास करती है इस मौके पर कथा आयोजक हरिश्चन्द्र शुक्ल ग्राम प्रधान ,भोलानाथ शुक्ल, शारदा प्रसाद, जगरनाथ, अशोक शुक्ल, बंशी शुक्ल,शिव सागर शोभनाथ दुबे कृपाशंकर आदि लोग काफी संख्या में उपस्थित रहे ।
भगवान को सबसे ज्यादा प्रेम प्यारा है-शंकराचार्य स्वामी
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