भारत में सबसे पहले भित्त चित्र मिर्जापुर में मिलने का प्रमाण

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वाराणसी एक यात्रा’ थीम पर होटल द गैलेक्सी में आज दिनांक 24 दिसंबर 2021 को दो दिवसीय (24-25) एकल कला प्रदर्शनी का आयोजन सुनील कुमार (मास्टर इन फाइन आर्ट्स-बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय) द्वारा किया गया। सुनील कला के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय स्तर पर उभरते हुए कलाकार के रूप में जाने जाते हैं। इनकी कलाकृतियों को वर्ष 2020 में बिहार राज्य ललित कला अकादमी, 27 आर्ट पॉइंट ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी व वर्ष 2019 में उ.प्र. राज्य ललित कला अकादमी में चयनित किया गया है।
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कला संकाय से फोटोग्राफी सहित अन्य कला विद्याओं का प्रतिनिधित्व कराने के लिए निधि यादव व लक्ष्मी सिंह ने भी सहभागिता सुनिश्चित की।
प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि योगेश्वर राम मिश्र (कमिश्नर मिर्ज़ापुर मंडल) व विशिष्ट अतिथि डॉ. जगदीश पिल्लई द्वारा (चार बार गिनीज़ वर्ल्ड होल्डर व प्रतिष्ठित महात्मा गाँधी शाँति पुरस्कार से सम्मानित) किया गया है।
यह कला प्रदर्शनी दिनांक 26 दिसम्बर को होटल अमायरा, लोहिया तलाब में प्रदर्शित की जाएगी।
कला प्रदर्शनी का उद्देश्य कलाकृतियों के माध्यम से वाराणसी के विभिन्न घाटों, परम्पराओं, स्मारकों व जीवन के विभिन्न पहलुओं से परिचय कराना है।
इस प्रदर्शनी में मिर्ज़ापुर जनपद के अतिरिक्त अन्य जनपदों से कला पारखियों, कलाकारों, कलानिवेशकों ने हिस्सा लिया।
आज कलाकृतियां केवल सजावट की विषयवस्तु नही रह गयी है बल्कि लोग इसे निवेश का साधन भी मानते हैं।
इस कार्यक्रम में डैफोडिल्स पब्लिक स्कूल के प्रबंध निर्देशक अमरदीप सिंह, होटल द गैलेक्सी के प्रबंधक शेख मोहम्मद रज़ी, सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
आयोजन के उपलक्ष्य में सुनील कुमार ने बताया कि भारत में सर्वप्रथम भित्त चित्रों के प्रमाण लखनिया दरी मिर्ज़ापुर से प्राप्त हुए हैं जो 5000 ईसा पूर्व के माने जाते हैं। सुनील ने यहाँ से प्रदर्शनी आयोजित करने में गौरवान्वित महसूस किया और कहा कि कला के उद्भव स्थल से प्रारंभ करना उनके लिए सम्मान की बात है।