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दवा दुकानदार द्वारा मरीजों को पत्ता काट के दवा देने से इंकार करने पर दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की उठी मांग

मिर्जापुर, स्वास्थ्य के प्रति आम जनमानस एक भयानक जंग लड़ रहा है इस जंग में सरकार और अन्य लोग मरीज को जंग से जीतने के लिए हर कवायद कर रहे हैं तो वहीं जनपद मिर्जापुर के कुछ दवा दुकानदार इस जंग में मरीजों को मौत के मुंह में धकेलना का इंतजाम कर रहे हैं ।पीड़ितों ने बताया कि दवा दुकानदार एक पत्ता पूरा दवा देना चाहते हैं अगर मरीज दो तीन या चार पांच नग दवा मांग करता है तो दुकानदार देने से साफ मना कर देते ज्यादातर मरीज आर्थिक तंगी के चलते कम दवा लेकर अपने स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से जूझने का काम करते हैं तो वहीं कुछ दवा के दुकानदार मरीज को सोने का अंडा देने वाली मुर्गी समझ बैठते हैं नाम न छापने की शर्त पर तमाम लोगों ने कहा की मिर्जापुर शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के इलाकों में पड़ने वाले ज्यादातर दवाई के दुकानदार मरीज को पूरा पत्ता बेचना चाहते हैं मरीज के द्वारा कम दवा मांगने पर या पत्ता काट के दवा मांगने पर देने से दुकानदार इनकार कर देते हैं ,जिसके चलते मरीजों को अतिरिक्त बोझ के अलावा भारी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। एक मरीज ने बताया कि जोरिल एम वी वन दवा लेने के लिए उसको दस दुकानों का चक्कर लगाना पड़ा लेकिन सभी दुकानदार ने चार नग दवा देने से मना कर दिया दुकानदारों ने मरीज को कहा कि उनका पूरा पंद्रह गोली का पत्ता लेना पड़ेगा या काट कर देने पर अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा।बताया गया है कि लगभग तीन सौ कीमत का एक पत्ता दवा एक साथ खरीदने की हैसियत अगर किसी की नहीं है तो क्या उसको दो पीस या चार पीस दवा लेने का हक नहीं है। मरीजों ने ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करने की जिलाधिकारी से मांग करने की भी बात कही है।इस संबंध में ड्रग इंस्पेक्टर ने कहा कि दवा दुकानदार को चाहिए कि मरीज को दवा दिए बगैर ना लौट आए अगर दवा काट कर दी जाने योग्य है तो दवा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर उनके पास किसी दुकानदार की शिकायत आएगी तो कार्रवाई भी की जाएगी।

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