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जन आन्दोलन ही जल समस्या का समाधान-हर बूॅंद के महत्व को समझना होगा -जिलाधिकारी

डी0एम0 ने भूजल सप्ताह के तैयारियों का लिया जायजा
मीरजापुर, 15 जुलाई, 2019- जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने कहा कि जल समस्या के समाधान हेतुू सरकारी प्रयासों के साथ ही जन आन्दोलन का सहारा भी लेना होगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को वर्षा की हर बूॅद के महत्व को समझना होगा। जिलाधिकारी श्री अनुरा गपटेल आज कलेक्ट््रेट सभागार में दिनांक 16 जुलाई से 22 तक शासन के निर्देश के क्रम चलाये जा रहे भू-जल सप्ताह मनाये जाने के तैयारियों के प्रगति की मसीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में परम्परागत जल स्रोत के रूप में तालाब, पोखर आदि वर्षा जल संग्रहण एवं भूजल रिचार्ज के सशक्त माध्यम हैं। ये तालाब लगातार सिल्ट जाम होने से उथले होते गये और इनका अतिक्रमण करके बडी संख्या में तालाबों का पाट दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि वर्तमान में तालाब/पोखर, ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब खेत को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी ने सभी से कहा कि जल संचयन के लिये ग्रामीण अंचलों में गोष्ठियां, परिचर्चा, स्कूलों में वाद-विवाद, रंगोली, चित्रकला आदि प्रतियोगितायें बच्चों के द्वारा आयेाजित कराकर लोगों को जागरूक करें। कहा कि यदि बच्चों को अभी से इसके बारे में जल के महत्व व उसके दोहन से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाये तो आगे चलकर यही बच्चो जल संवर्धन की दिशा में महत्वपूर्ण कडी साबित होगें। उन्होंने कहा कि वर्षा जल संचयन एवं रिचार्जिग स्ट््रक्चर के निर्माण के साथ ही उसके आस-पास के क्षेत्र में वृक्षारोपण किया जाये। सूखे कूओं की सफाई करके उन्हें रिचार्ज स्ट््रक्चर के रूप में लाया जाये। कृषि कार्यो में सिंचाई की आधुनिक विधियों का प्रयोक करके जल की बचत की जाये। प्रत्येक कृषक को उद्यानीकरण करने के लिये प्रेरित किया जाये तथा शहरी क्षेत्र में रूफटाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण वृहद स्तर पर कराया जाये। जिलाधिकारी ने कहा कि जन सामान्य को वर्षा जल संचयन व रिचार्जिंग एवं जल की खपत को कम करकने उपायों के बारे में प्रशिक्षित किया जाये जिसके लिये वृहद स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जाने की आवश्यकता है। यह भी कहा खेतों की मेडों को मजबूत व उॅचा करके खेत का पानी खेत में रिचार्ज होने दें। जिलाधिकारी ने कहा कि जन भूजल जल विभाग के द्वारा जल बचाये- जीवन बचाये की थीम पर दिनांक 16 जुलाई से 22 जुलाई तक भूजल सप्ताह मनाने का निर्णय लिया गया है। इस क्रम में जिला विद्यालय निरीक्षक व बेसिक शिक्षा अधिकारी से स्कूली बच्चों की रैली निकालने तथा स्कूलों में जल संरच्चण तथा उसके महत्व के बारे बच्चों से वाद विवाद, चित्र कला, व रंगोली आदि कार्यक्रम कराने का निदेश दिया। इसी प्रकार जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देथ्शत किया कि गांवों में चैपाल में माध्यम से लोगों को इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी जाये। उन्होंने कहा भूगर्भ जल विभाग के अधिकारी को निर्देश्ज्ञित किया कि पोस्टर बैनर पम्पलेट आदि के माध्यम से लोगों में इसका अधिकाधिक प्रचार-प्रसार किया जाये। सिनेमा घरो में स्लाइड के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि जलनिगम, सिंचाई विभागों सहित सभी विभाग अपने-अपने कार्यक्रमों में जल बचाओं कार्यक्रम के बारे में लोगों को जानकारी दी जाये।

इस दोरान वृक्षारोपण की भी चर्चा की गयी जिसमें सिंचाई विभाग के द्वारा 26400 वृक्षारोपण के लक्ष्य के सापेक्ष्य अभी तक मात्र 200 गड्ढा खोदने पर कडी नाराजगी व्यक्त करते हुये प्रभागीय वनाधिकारी से कहा कि इनके विरूद्ध अधीक्षण अभियन्ता व मण्डलायुक्त महोदय को पत्राचार कर अवगत कराया जाये कि क्यों न अधिशासी अभ्यिान्ता सिंचाई के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही के शासन को अवगत कराया जायें। इसी प्रकार विदृयुत विभाग, परिवहन विभाग तथा सभी ई0 ओ0 नगर पालिका के द्वारा कम गड्ढे खादने तथा रेेलवे विभाग के द्वारा शून्य सूचना पर स्प्ष्टीकरण की मांगने का निर्देश दिया। इसी क्रम में जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण विभाग, विद्युत तथा आर0ई0एस0 को नगर के चैराहों के सुन्दरीकरण के कार्य में और तेजी लाने का निर्देश दिया गया। इस अवसर पर नगर मजिस्ट््रेट सुशील लाल श्रीवास्तव, जिला विकास अधिकारी ए0एन0मिश्र, परियोजना निदेशक डी0आर0डी0एस0 रिषि मुनी उपाध्याय, डी0सी0 मनरेगा, भूगर्भ जल विभाग के अधिकारी, अधिशासी अभ्यिान्ता जल निगम, विद्युत, मनोज कुमार यादव, जिला विद्यालय निरीक्षक देवकी सिंह, के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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