आज श्रीमद्भगवद्गीता प्रवचन ज्ञान यज्ञ की शोभायात्रा शंकराचार्य आश्रम रायपुर पोख्ता, आमघाट मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) मे श्री काशीधर्म पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणानंद तीर्थ जी महाराज के पावन सान्निध्य मे सम्पन्न हुई, शोभायात्रा के उपरान्त धर्मसभा को संबोधित करते हुए जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा भगवान कृष्ण इस लोक के आदर्श हैं इसलिए वैदिक संस्कृति में उनकी पूजा होती है उनका कोई भी कार्य स्वतः के लिए नही है लोक कल्याण के लिए होता है *परहित सरिस धर्म नही भाई* दूसरो के हित के समान कोई धर्म नही है सज्जन महापुरुषों का शरीर लोककल्याण के लिये होता है भगवान के चरित्र श्रवण करने तथा गायन करने का बहुत महत्व है। परम पुरुषोत्तम के सिद्धांतों का पालन करना ही हमारा उद्देश्य है। भगवान सनातन धर्म की रक्षा के लिए अनेक स्वरूप धारण करते हैं *एकं सद विप्रा बहुधा वदन्ति* एक ही परमतत्व के चरित्रों का सभी वर्णन करते हैं बड़प्पन का अभिमान मनुष्य के पतन का कारण बनता है। *बिन सत्संग विवेक न होई* बिना सत्संग के विवेक नही हो सकता मनुष्य जीवन में नियम का अनुपालन जरूरी है किन्तु भगवत प्रसाद के लिये कोई नियम न किया जाये जिस भी काल में भगवद प्रसाद की प्राप्ति हो रही हो उस अवस्था में प्रसाद लेना चाहिये उसका उलंघन न करें।महाराज जी ने कहा पति ही स्त्री का ईश्वर है पति ही स्त्री का आराध्य है पति आज्ञा ही उसके लिए शास्त्र आज्ञा है सम्पूर्ण नदियां सागर में सम्मिलित होकर धन्यता का अनुभव करती हैं क्योंकि उनको मालूम है हमारा मूल समुद्र ही है। पवित्र बुद्धि में ईश्वर का प्राकट्य होता है। ध्यान करने का मार्ग ज्ञानी जनों के लिए है । इससे पूर्व पादुका पूजन आचार्य डॉ वरुणेश चन्द्र दीक्षित ने सविधि सम्पन्न करवाया, कार्यक्रम के आयोजक हरिश्चन्द्र शुक्ल ,बंशी शुक्ला ,सर्वेश शुक्ल ,अशोक शुक्ल,शारदा शुक्लभीमगढ़ सिवनी जिले से पधारे सुरेश पटेल ,भिण्ड से वृज विहारी त्रिपाठी , कार्यकर्ता एवं ग्रामवासी तथा क्षेत्रवासियों ने पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
आमघाट से शंकराचार्य आश्रम तक श्रीमद्भगवद्गीता ज्ञान यज्ञ की निकली भव्य शोभायात्रा।
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