पटेहरा मिर्ज़ापुर
प्रशाशन कितने भी सराहनीय कार्य कर ले पर कही ना कहीं मात जरूर खा जा रही है ।अब इसके पीछे क्या राज छुपा है यह तो पुलिस ही बता सकती है या फिर डग्गामार मालिक ही वही प्रशाशन एक तरफ अभियान चलाकर मोटरसाइकिल का चालान किया जाता है खास कर तीन सवारी पर वही दूसरी तरफ जिस रोड पर पुलिस चेकिंग अभियान चलाती है उसी रोड से ये डग्गामार वाहन प्रतिदिन चार से पांच चक्कर लगाते हैं और इनकी तरफ किसी का भी ध्यान नही जाता । वही डग्गामार वाहन मालिक चुनौती भी देते हैं कि हम ऐसे वैसे नही हैं अगर कोई हमारी गाड़ी को टच भी करेगा तो एक फोन आएगा और सेकेंड भर भी नही लगेगा गाड़ी फिर रोड पर दिखेगी बस जेब मे पैसे होने चाहिए और अगर ऐसा नही है तो किस आधार पर डग्गामार वाहनों ने 25 से 30 आदमी बैठाया और लटकाया जाता है क्या वाकई इनको छूट है या इसके पीछे कोई और राज छुपा हुआ है। यह वाहन संतनगर से मीरजापुर तक जाते हैं जिसके बीच मे लगभग चार पुलिस चौकियां पड़ती हैं पर कोई भी इनपे कार्यवाही करने से कतराता क्यों है। लोग अपने जान पर खेलकर यात्रा करने को मजबूर हैं प्रशाशन इस पर मौन क्यों हैं या फिर किसी बड़े हादसे का इंतजार किया जा रहा है ऐसे कितने लोग हैं जिनकी दो दो चार चार डग्गामार वहां धड़ल्ले से चल रहे हैं।
डग्गामार वाहन,क्या वाकई इनको छूट है-?
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