समाचारधरना दे रहे कर्मचारियों का आरोप,42 जनपदों के निजीकरण में भारी भ्रष्टाचार

धरना दे रहे कर्मचारियों का आरोप,42 जनपदों के निजीकरण में भारी भ्रष्टाचार

विद्युत विभाग के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक निजीकरण के विरोध में क्रमिक अनशन तीसरे दिन जारी: निजीकरण में चल रहे भ्रष्टाचार के पीछे कारपोरेट घरानों से मिलीभगत का आरोप: सोमवार को अपने घरों की बिजली एक घंटा बन्द कर सांकेतिक विरोध करेंगे बिजली कर्मी*
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि 42 जनपदों के निजीकरण में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है । झूठा शपथ पत्र देने वाले कंसलटेंट की फाइल जिस प्रकार चेयरमैन ने दबा रखी है उससे लगता है कि भ्रष्टाचार में पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन की कार्पोरेट घरानों से मिली भगत है।
संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि निजीकरण में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। निजीकरण हेतु नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन का फर्जीवाडा सामने आए हुए एक माह होने जा रहा है किन्तु कंसल्टेंट को ब्लैक लिस्ट करने और उसकी नियुक्ति का आदेश रद्द करने के बजाय पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन फाइल दबाए बैठे हैं और ऊर्जा मंत्री श्री अरविंद कुमार शर्मा जी पूरे प्रकरण के सार्वजनिक होने के बाद भी चुप्पी साधे हुए हैं। इससे मिलीभगत का संदेश जा रहा है।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि निजीकरण में चल रहे भ्रष्टाचार के मामलों का प्रतिदिन पर्दाफाश किया जाएगा। संघर्ष समिति ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में बिजली उपभोक्ताओं का लगभग 66 हजार करोड़ रुपए का बिजली राजस्व का बकाया है। निजी घरानों की इस बड़ी धनराशि पर नजर है। उन्होंने कहा कि 01 अप्रैल, 2010 को आगरा शहर की बिजली व्यवस्था टोरेंट पावर कंपनी को दी गई थी। उस समय आगरा शहर में बिजली उपभोक्ताओं का लगभग 2200 करोड़ का बिजली राजस्व का बकाया था। आज 15 साल व्यतीत हो चुके हैं और टोरेंट पावर कंपनी ने एक पैसा भी पावर कारपोरेशन को वापस नहीं किया है। यह 2200 करोड़ रुपए की पूरी धनराशि टोरेंट पावर कंपनी ने हड़प लिया है और पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन चुप्पी साधे हुए हैं। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के बाद 66000 करोड रुपए की धनराशि निजी कंपनी की जेब में चली जाएगी। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह सहमति पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन और कार्पोरेट घरानों के बीच बन चुकी है कि निजीकरण के बाद यह धनराशि उन्हें मुफ्त में मिल जाएगी।
संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री श्री अरविंद कुमार शर्मा जी से मांग की है कि वह आगरा में टोरेंट पावर द्वारा 2200 करोड रुपए की धनराशि हड़पने के मामले में सार्वजनिक वक्तव्य दें । संघर्ष समिति निजीकरण में हो रहे अन्य घोटाले को कल सार्वजनिक करेगी।
आज उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने अनशन स्थल पर आकर निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों को प्रदेश के 03 करोड़ 45 लाख उपभोक्ताओं की ओर से खुला समर्थन दिया। आज अनशन के तीसरे दिन अनशन स्थल पर जितेन्द्र सिंह गुर्जर, जय प्रकाश, महेन्द्र राय, के एस रावत, रामचरण सिंह, राम निवास त्यागी, पी के दीक्षित, सरजू त्रिवेदी, आलोक सिन्हा, आर सी पाल आदि सहित 200 से अधिक बिजली कर्मी और अभियन्ता अनशन के समर्थन में उपस्थित हुए।
संघर्ष समिति ने प्रदेश भर के बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं से अपील की है कि वे निजीकरण के विरोध में 05 मई को रात्रि 08 बजे से से 0 9 बजे अपने घरों की बिजली बन्द कर आम जनता को यह यह संदेश देंगे कि निजीकरण प्रदेश को लालटेन युग में ले जाने वाला है। निजीकरण के बाद बिजली की दरें तीन गुना बढ़ जाएंगी और आम जनता को बिजली बन्द कर लालटेन युग में जाना होगा।
क्रमिक अनशन के तीसरे दिन आज अभियन्ता संघ के अध्यक्ष संजय सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रभात सिंह, उपाध्यक्ष राहुल बाबू कटियार, राहुल सिंह ,प्राविधिक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष चन्द्र भूषण उपाध्याय एवं महासचिव मोहम्मद वसीम ,बिजली मजदूर संगठन के अध्यक्ष माया शंकर तिवारी, प्राविधिक कर्मचारी संघ के पश्चिमांचल के अध्यक्ष कवितेंद्र बच्चन और 200 से अधिक अन्य बिजली कर्मी सम्मिलित हुए। आज संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे भी अनशन पर बैठे।
05 मई को वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, आजमगढ़, बस्ती, मिर्जापुर क्षेत्र के तथा लखनऊ नगर के बिजली कर्मी और अभियन्ता क्रमिक अनशन में सम्मिलित होंगे।
आज की विरोध सभा फतह में संपन्न हुई जिसमें इंजीनियर दीपक सिंह विनीत कुमार मिश्रा सुमित कुमार यादव पंकज कुमार राम सिंह विनय गुप्ता विनय कुमार रमेश बैस अमित सिंह प्रमोद कुमार बृजेश कुमार शंभू कुमार फहद खान तपन कुमार पवन कुमार जितेश कुमार आदि लोग मौजूद रहे

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