फफक कर रो पड़े फंसे हुए मजदूर, मिर्जापुर

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*वीरेंद्र गुप्ता मिर्जापुर,
टावर तैयार करने वाले फसे 24 मजदूर*

*कहीं की पुलिस दरियादिली, तो कहीं की कड़क*

*राशन भी समाप्ति के कगार पर, कोई नहीं है सहारा*

राजगढ़, मिर्जापुरl मड़िहान थाना क्षेत्र के राजगढ़ पुलिस चौकी अंतर्गत विद्युत टावर के लेबर एवं मकैनिक 24 की संख्या में बुरी तरह फंसे हुए हैं, जो अपने उत्तर प्रदेश नहीं, बल्कि बिहार प्रदेश के खगड़िया जिला के निवासी हैंl

प्राप्त जानकारी के अनुसार राजगढ़ पुलिस चौकी से मात्र 500 मीटर दूरी पर ददरा गांव के शिव मंदिर के पास 24 की संख्या में मकैनिक एवं लेबर विद्युत टावर खड़ा करने का कार्य लगभग 1 पखवारे से कर रहे थेl जैसे ही लाक डाउन की सूचना मिली तो वर्करों ने कार्य करना तो बंद कर दिया किंतु साधन के अभाव में अपने गृह जनपद बिहार नहीं जा सकेl मजदूरों ने उच्चाधिकारियों तक अपनी गुहार लगाते हुए कहा कि हम लोग वाहन पर जो खर्च आएगा उसे देने को तैयार हैंl हम लोगों को यहां से सुरक्षित गृह जनपद खगड़िया बिहार भिजवाया जाएl बताया गया कि छोटे से टेंट में 24 के संख्या में मजदूर मजबूरी में छोटी सी जगह में गुजर-बसर कर रहे हैंl मजदूरों के टोली में जितेंद्र कुमार का कहना है कि हम लोगों के जिला खगड़िया बिहार निवासी द्वारा वाराणसी जिला के मिर्जामुराद थाना क्षेत्र में टावर खड़ा किया जा रहा थाl वहां पर 30 की संख्या में मजदूर फंसे हुए थेl जिसे शनिवार को मिर्जामुराद के थानाध्यक्ष ने गंभीरता से लेते हुए गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था करायाl जिस पर आने वाला व्यय मजदूरों द्वारा वहन किया गयाl उसी प्रकार हम लोगों को भी यहां से प्रमाणित करके किसी वाहन पर बैठा दें जिस पर आने वाला खर्च हम लोग देने को तैयार हैंl किंतु यहां पर कोई अधिकारी सहयोग करने को तैयार नहींl दो मजदूरों ने फफक कर रोते हुए कहा कि हमारे परिवार में खाने को कुछ नहीं है, हम यहां से अपने गांव जाने वाले थे तभी लाक डाउन हो गयाl यदि हम घर नहीं पहुंचे तो हमारे बच्चे खाए बगैर भूखे मर जाएंगेl और कहा कि वाराणसी से 30 मजदूर अभी कल भेजे गए हैं जो सकुशल पहुंच गएl आखिर हम लोगों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा हैl जबकि सरकार ने लोगों को फंसे होने के कारण बसों का भी संचालन कर दियाl इस बात को लेकर लोगों में चर्चा बना हुआ है कि एक तरफ प्रशासनिक व्यवस्था सुविधाएं सुलभ कराने में अग्रणी हैl वहीं दूसरी तरफ मजदूरों की बात अनसुना क्यों कर रही हैl