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भागवत कथा ईश्वर के सन्तानों के लिए है – शंकराचार्य स्वामी नारायणानंद तीर्थ महाराज



*जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी नारायणानंद तीर्थ महाराज* के सानिध्य *शंकराचार्य आश्रम रायपुर पोख्ता* में आयोजित *श्रीमद्भागवत कथा* में उपस्थित भक्तों को सम्बोधित करते हुए बताये कि =
*भागवत कथा ईश्वर के सन्तानों के लिए है*
मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मिट जाता है,

जिस प्रकार परीक्षित ने भागवत कथा का श्रवण कर अभय को प्राप्त किया, वैसे ही भागवत जीव को अभय बना देती है श्रीमद्भागवत कथा परमात्मा का अक्षर स्वरूप है। यह परमहंसों की संहिता है, भागवत कथा हृदय को जागृत कर मुक्ति का मार्ग दिखाता है।
भागवत कथा भगवान के प्रति अनुराग उत्पन्न करती है।
यह ग्रंथ वेद, उपनिषद का सार रूपी फल है। यह कथा रूपी अमृत देवताओं को भी दुर्लभ है।।
महाराज ने बताया कि मानव जीवन में भागवत कथा का बड़ा ही महत्व है। कथा सुनने से मोक्ष की प्राप्ति होती है तथा मन का शुद्धिकरण होता है। प्रत्येक मनुष्य को भागवत की संपूर्ण कथा का श्रवण करना चाहिए। भागवत से भक्ति एवं भक्ति से शक्ति की प्राप्ति होती है तथा जन्म जन्मांतर के सारे विकार नष्ट होते हैं।
*कथा के पूर्व पादुका पूजन* हरिश्चंद्र शुक्ल,नागेंद्र दूबे,महेंद्र दूबे राममणि सारस्वत, बंशी शुक्ल ,अशोक शुक्ल, ,शिवाकांत त्रिपाठी वाराणसी ,श्याम धर तिवारी एवं हजारों भक्तों द्वारा पूजन आरती कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।।

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