समाचारवक्त आने पर पत्रकार शहादत भी देता है-आल इण्डिया रिपोर्टर्स एसोसिएशन मिर्जापुर

वक्त आने पर पत्रकार शहादत भी देता है-आल इण्डिया रिपोर्टर्स एसोसिएशन मिर्जापुर

मिर्जापुर। हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर आल इण्डिया रिपोर्टर्स एसोसिएशन के स्थानीय जिला इकाई के तत्वावधान मे “पत्र पत्रकार एवं पत्रकारिता-कल आज और कल” विषयक गोष्ठी का आयोजन नगर के घंटाघर स्थित नगरपालिका कैम्पस मे किया गया। गोष्ठी के मुख्य वक्ता कवि/साहित्यकार एवं आज अखबार के पूर्व संपादक भोलानाथ कुशवाहा ने
उपस्थित पत्रकारो को संबोधित करते हुए कहाकि पत्रकारिता दिवस मनाने के पीछे कई तथ्य हैं। पहला हम पत्रकारिता इतिहास को जाने, इसके संघर्षों का भान करें और आत्मविश्वास व आत्मबल की पूंजी को बढ़ाये। दूसरा कारण संगठन में शक्ति है, हम संगठित हो तथा सामाजिक, राजनीतिक कुरीतियों, प्रथाओं में पाये जाने वाले सड़न और शोषण की प्रवृत्ति के विरूद्ध कलम की तलवार चलाये। पत्रकारिता समता, समानतामूलक समाज की स्थापना सोचता है। इसके रास्तों पर प्रकाश भी डालता है। पत्रकारिता सामाजिक व्यवस्था को संतुलित करने में चौथे स्तम्भ का कार्य करती है। तीन पूर्व के स्तम्भ क्रमशः कार्य पालिका, न्याय पालिका और विधायिका के कार्यों का प्रतिफल अर्थवृक्षों पर फलते हैं। चौथे स्तम्भ के प्रहरी रक्तरंजित होकर भी आत्मविश्वास और आत्मसंतुष्टि के फल ही प्राप्त करते हैं जोकि श्रेष्ठतम फलों का प्रतिनिधित्व करता है। पत्रकारिता मुखौटे के पीछे भी एक व्यक्ति होता है। जिसपर कुछ आश्रित होते हैं। भौतिकवाद और अर्थ प्रधान के इस युग में परिवार, आश्रित परिजन और व्यक्तिगत जीवन को एक पत्रकार कैसे संभालता है, यह खग ही जाने खग की भाषा के आवरण में ढकना ज्यादा उचित है। गोष्ठी अध्यक्षता करते हुए पत्रकार विमलेश अग्रहरि ने कहा कि संगठन में शक्ति है। यह शक्ति है एक होने की, अपने अधिकारों के लिए, अर्थवृक्षों के फल के लिए। हर जिम्मेदार से पूछिये तो जरा कि पत्रकार हित के लिए क्या योजना लाये हैं? पत्रकारिता तो पत्रकारिता डिग्री बनने से पहले भी होती थी इसलिए संवाददाता, अंशकालिक पत्रकार, खोजी समाचार संकलनकर्ता सभी को उचित दर्जा मिलना ही चाहिए।वक्ताओं की कड़ी में वीरेंदर गुप्ता ने कहा की पत्रकार व सैनिक में बहुत समानता देखी जा सकती है, एक सैनिक देश की सरहदी सीमा के लिए शहीद होता है परंतु एक पत्रकार लोगों को अपनी सीमा में रहने व उसका कर्तव्य बोध रूपी दायरा का ज्ञान कराते अपनी शहादत के लिए सदैव निशाने पर ही नहीं रहता अपितु वक्त आने पर शहादत भी देता है ।कार्यक्रम के दौरान मिर्ज़ापुर में भृष्ट अधिकारी का स्टिंग करने वाले पत्रकार वीरेंद्र गुप्ता को सम्मानित भी किया गया व एक राय बनाया गया कि पत्रकार अपनी पत्रकारिता इसी अंदाज में करे तो वो दिन दूर नही जब पत्रकारों की उपस्थिति मात्र से तमाम सामाजिक,आर्थिक बुराइयों पर अंकुश लगाया जा सकता है ।गोष्ठी के दौरान शहर के केबीपीजी कालेज मे पूर्व मे संचालिता पत्रकारिता कोर्स अब बंद हो जाने पर भी वक्ताओ ने चिंता जताई और तयं किया कि पत्रकारिता को जनपद मे नये आयाम पर पहुचाने के लिए पत्रकारिता कोर्स पुनः शुरू होना आवश्यक कदम साबित होगा। साथ ही पत्रकारो के लिए संगठन की ओर से वर्ष मे एक बार मंडल स्तरीय कार्यशाला/प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने पर बल दिया गया। इसके साथ ही जनपद मे वीरेन्द्र गुप्ता, आशिष गहलौत समेत अन्य पत्रकारो के साथ उत्पीडन/दुर्व्यवहार की निन्दा करते हुए ऐसे मामलो मे कार्रवाई की अपेक्षा की गई। अंत मे गोष्ठी का समापन राष्ट्रगान “जन-गण-मन” के साथ किया गया। इस अवसर पर हिन्दी साप्ताहिक जनता के संपादक अताउल्लाह सिद्दीकी, नित्यवार्ता संपादक शिवभोला सिंह, सत्ययात्रा संपादक गंगाराम मौर्य, वीरेन्द्र गुप्ता, रामरक्षा यादव, आशीष गहलौत, गणेश दूबे, सोनू गुप्ता, हरि किशन अग्रहरि, बाल किशन ‘बालाजी’, धीरज कुमार सेठ, संदीप श्रीवास्तव आदि पत्रकार एवं साहित्यकारगण मौजूद रहे।

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