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आवारा पशुओं से फसल की रक्षा के लिए देश का किसान कर रहा चौकीदारी: ललितेशपति त्रिपाठी

अगर सही मायने में किसी को चौकीदारी करनी पड़ रही है तो वो इस देश का किसान है. जो आवारा पशुओं से अपनी फसल की रक्षा करने के लिए दिन रात चौकीदारी करने को मजबूर है. दो साल हो गए प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बने, गौरक्षा के नाम पर जनता से टैक्स वसूला जा रहा है. लेकिन एक भी गौशाला जनपद में नहीं बनी.

अगर जनता ने सहयोग दिया तो पहले साल में ही मिर्जापुर के सभी ब्लॉक में एक गौशाला बनवाने का काम करूगां. जहां किसान, आवारा पशुओं को पकड़कर जमा कराएंगे और जो लोग टैक्स वसूल रहे हैं वो उनका रख-रखाव करेंगे. यह बातें ललितेशपति त्रिपाठी ने छानबे ब्लॉक में विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान कहीं.

‘काम किया होता तो नहीं लिखना पड़ता नाम के पहले चौकीदार’

केंद्र की मोदी सराकर पर तंज कसते हुए ललितेशपति त्रिपाठी ने कहा पांच साल पहले जनता से वायदा किया गया था कि विदेशों में जमा कालाधन देश में आएगा. जिसका उपयोग देश के विकास के लिए किया जाएगा. लेकिन सबने देखा है कि ना ही विदेश से कालाधन आया और भारतीय जनता पार्टी के लोग यह नहीं बता सकते कि तथाकथित तौर पर भ्रष्टाचार में लिप्त कितने लोगों को सजा हुई.

इसके विपरीत इस सरकार ने देश के बैंकों को लूटने वालों को पीछे के दरवाजे से भागने का रास्ता खोल दिया. अगर पांच साल में प्रधानमंत्री ने कोई काम किया होता, तो उन्हें अपने नाम के पहले चौकीदार लिखने की जरूरत नहीं होती. जनता खुद उनके नाम के पहले विकास पुरुष, युग का नायक जैसी संज्ञा लगा देती. लेकिन कुछ नहीं किया इसलिए चौकीदार लिख लिया.

‘बाहर से आए जन प्रतिनिधियों ने मिर्जापुर को अनाथ की तरह छोड़ा’

मिर्जापुर को बाहर से आए जन प्रतिनिधियों ने अनाथ की तरह छोड़ दिया है. जनता के हक की लड़ाई लड़ने वाला कोई मौजूदा या पूर्व सांसद नहीं है. क्योंकि ये लोग यहां की जनता का मर्म नहीं समझ सकते. उनके हक और हुकूक के लिए शासन-प्रशासन से नहीं लड़ सकते. मड़िहान की जनता ने देखा है, जन प्रतिनिधि के तौर पर जनता से मिलने मात्र से ही प्रशासन का आधा काम हल हो जाता है.

छानबे ब्लॉक के अकोढ़ी गांव का पुल जो पिछले दो साल से टूटा है, इसकी सुध लेने के लिए ना तो यहां के विधायक को फुर्सत है और ना ही सांसद को. एक बार चुनाव बीतने दीजिए इसी अकोढ़ी गांव के पुल के लिए धरने पर बैठूंगा और जब तक पुल का निर्माण नहीं शुरू हो जाता तब तक नहीं उठूंगा

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