मिर्जापुर वीरेंद्र गुप्ता पत्रकार 94 53 82 1310,
स्थानीय लोगों के मुताबिक उत्तर प्रदेश की सरकार और केंद्र की सरकार के निरंतर बेहतर और जन उपयोगी कार्यशैली से देश में एक बेहतर माहौल के निर्माण का संदेश बनता नजर आ रहा है। लेकिन सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद भी स्थानीय स्तर पर काम कर रहे कर्मचारियों की लापरवाही के चलते उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी व जनउपयोगी योजना जिनमें मुख्यमंत्री आवास और प्रधानमंत्री आवास योजना में दलालों की सक्रियता देखने लायक है । पात्रों का आरोप है कि मिर्जापुर के डूडा विभाग से संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के पहले दलाल हो जा रहे हैं सक्रिय ।फोन के माध्यम से दलाल सीधे लाभार्थियों से संपर्क कर अतिरिक्त रकम की मांग करते हैं। पात्र व्यक्ति कितनी भी समस्याओं से जूझ कर अपनी पात्रता साबित करने में एड़ी चोटी लगा दे लेकिन लाख पात्रता साबित करने के पश्चात भी पात्रता का लाभ उसी को मिल रहा है जो दलालों को खुश कर रहा है और दलाल भी इतने एक्टिव मोड में है कि यहां बताना आवश्यक है कि दिनांक 27 जनवरी को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किस्त डंके की चोट पर जारी कर दिए जाने की घोषणा की थी।सरकार ने इस राशि को सीधे पात्रता के खाते में भेजने का निर्णय जब लिया तो लगा कि सरकार पूरी ईमानदारी के साथ 100 पैसे का एक एक पैसा पूरा का पूरा लाभार्थी के खाते में भेजना चाहती है। सरकार की इस कार्यशैली से तमाम पात्रों में खुशी की हर्ष देखी गई थी ,लेकिन जैसे ही डूडा विभाग में सरकार के द्वारा रकम भेजी गई दलाल की सक्रियता चरम पर दिखाई दी। दलालों ने पात्र अभ्यर्थियों को फोन लगाकर संपर्क साधना शुरू कर दिया और रिश्वत की मांग करने लगे जिन लाभार्थियों के द्वारा दलालों की मांग पूरी कर दी गई उनके खाते में रुपया पहुंचा दिया गया जिन्होंने दलालों को कोई तवज्जो नहीं दिया वह आज भी प्रथम किस्त का इंतजार कर करते देखे गए ।जब अपनी किस्त की जानकारी लेने डूडा विभाग लाभार्थी पहुंच रहे हैं तो उनके साथ दुर्व्यवहार किए जाने की भी सूचना प्राप्त हो रहे हैं। काउंटर पर बैठे तमाम युवा कर्मचारी लाभार्थियों को गुमराह करने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं और पास में ही दलाल को भी छोड़ रखे ताकि लाभार्थी दलाल की शरण में चले जाए और दलाल की मुंह मांगी रकम दलाल को मिल जाए । जब परेशान हो के अभ्यर्थी डूडा कार्यालय में जाता है तब कार्यालय के द्वारा उस को गुमराह करने की पूरी कोशिश की जाती है। कुर्सी पर बैठे कर्मचारियों के द्वारा सीधा कह दिया जाता है कि बैंक से प्रॉब्लम है बैंक से एरर आ जा रहा है ।आपके खाते में रुपया नहीं जा पा रहा है। दोबारा प्रयास किया जाएगा। आखिर इतनी जन उपयोगी योजना को कलंकित करने में जुटे हैं यहां के कर्मचारी इसकी जांच की मांग लोग करते दिखाई दिए। सरकारी योजनाओं को कलंकित करने वाला यह विभाग कब जिलाधिकारी के रडार पर आएगा बड़ा सवाल लोगों की जुबान पर सुना जा सकता है। जहां लोगों को चंद सेकेंड में रुपया ट्रांसफर होता है वहां लाभार्थी के खाते में 30 दिन के लगभग समय होने को है अभी तक रुपया खाते में क्यों नहीं पहुंच रहा है ?कौन करेगा इसकी जांच ?कौन देगा इसका जवाब ?क्यों दलाल लाभार्थियों को फोन करते हैं ?इन तमाम सवालों का जवाब स्थानीय जनता जानना चाहती है।