समाचारलोकदल ने राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन, मिर्जापुर

लोकदल ने राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन, मिर्जापुर

केंद्र सरकार द्वारा किसान विरोधी बिल किया जाय वापस

  मिर्ज़ापुर।मंगलवार को देश के पुर्व प्रधानमंत्री,किसानो के मशीहा,लोक दल के संस्थापक स्व चौ चरण सिंह के राजनैतिक उत्तराधिकारी वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष लोक दल मा चौ सुनील सिंह जी के निर्देश पर विंध्याचल मण्डल अध्यक्ष घनश्याम ओझा के नेतृत्व में मिर्ज़ापुर लोकदल जिला अध्यक्ष सुरेश शर्मा, नितिन शुक्ला,आशीष तिवारी, जमीनी क्रांतिकारी नेता आजादकर कमलेश सिंह भारतीय व अहमद अली के द्वारा महामहिम राष्ट्रपति के नाम अपर जिलाधिकारी के माध्यम से तीन सूत्री ज्ञापन सौंपा गया।बताते चले कि किसान विरोधी पूंजीपतियों के इशारे पर कार्य करने वाली केंद्र सरकार ने बहुमत के आधार पर बिना बहस कराये रविवार को लोक सभा और राज्यसभा से पारित किसान विरोधी अध्यादेश पारित किया है जिससे किसानों का रीढ़ टूटने की सम्भावना हैं जिसे समाप्त कराने के लिये जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम तीन सूत्रिय मांग पत्र,ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को दिया गया। जो निम्न वत हैं।

1-केन्द्र सरकार द्वारा माह जून 2020 मे किसान विरोधी दो अध्यादेश लाया गया और मानसून सत्र मे लोक सभा तथा राज्यसभा मे बिना बहस कराये संख्याबल के आधार पास करा दिया गया। इस अध्यादेश से देश के नामचीन व्यापारियो/निजी कम्पनियो को ही फायदा पहुचाने का कुत्षित प्रयास केन्द्र सरकार द्वारा किया गया है।
कृषि उपज व्यापार व वाणिज्य (संवर्धन और सुबिधा) विल 2020 और कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विल 2020 नामक दोनो अध्यादेश से किसानो को गुलाम बनाने की साजिश है।
उपरोक्त दोनो अध्यादेशो में किसानो को महगाई के आधार पर समर्थन मुल्य को आधार नही बनाया गया है। परिणाम स्वरुप किसानो को फसलो का उचित मूल्य नही मिलेगा। समर्थन मुल्य से कम दाम पर खरीद करने पर अपराध माना जाये और किसानो के हित मे मुकदमा दर्ज़ किये जाने का प्रावधान लागू हो ताकि किसानो को अपने ही खेत/उपजाऊ जमीन से फस्लोत्पादन के समय नामचीन व्यापारियो/निजी कम्पनियो के हाथो बधुआ मज़दूर बनने से रोका जा सके।
इस लिए कृषि से जुड़े दोनो उपरोक्त विल किसान विरोधी है और काले कानून के संज्ञा वाचक है। जिन्हे किसान हित मे तत्काल समाप्त किया जाना न्याय संगत है।

2- कृषि क्षेत्र मे आवश्यक वस्तु की श्रेणी से भंडारण की सीमा समाप्त कर दिये जाने से नाम चीन कम्पनियो/औद्यौगीक घरानो द्वारा फस्लोत्पादक किसानो से फल,सब्जियो सहित तमाम कीमती फसलो को सस्ते मुल्य पर खरीद कर प्रचुर मात्रा मे भंडारण करते हुये ऊचे दमो मे व्यापारियो को बेचा जायेगा और काला बाजारी भी किया जायेगा। जिससे सममजिक समरसता और समाजिक शद्भाव तथा आपसी भाईचारा समाप्त होगी। अमीरी और गरीबी के बीच तनाव बढ़ेगा।

3-देश व प्रदेश मे स्थापित मंडियो के रख रखाव,विकास,के मद मे मिल रहे सरकारी धन को समाप्त न किया जाये और मंडियो को निजी हाथो मे न दिया जाये।

       

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