शानदार सफलता के साथ संपन्न हुआ भदोही कारपेट एक्सपो मार्ट

शानदार सफलता के साथ संपन्न हुआ भदोही कारपेट एक्सपो मार्ट में सी.ई.पी सी. का चौथा कालीन मेला,
विदेशी वायरो को लुभाने में सफल रहा अन्तराष्ट्रीय कालीन मेला,
अंतर्राष्ट्रीय कालीन मेला के आयोजन से निर्यात के नए क्षितिज पर कालीन नगरी ,
हस्तनिर्मित कालीन की सांस्कृतिक विरासत एवं बुनाई कौशल को बढ़ावा देने में सफल रहा अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला,
वैश्विक स्तर पर निर्यात में कालीन नगरी ने लगाई लंबी छलांग,

कालीन मेले के प्रथम दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को भदोही के कारपेट एक्सपो मार्ट में आयोजित 49 वें इंडिया कारपेट एक्सपो एवं भदोही में लग रहे चौथे अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले का विधिवत शुभारंभ किया । माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि “हस्तशिल्प उद्योग भारत की आर्थिक ताकत है । भारत को वैश्विक शक्ति बनाना इस उद्योग के बिना संभव नहीं है | आजादी के बाद ग्लोबल भागीदारी में कमी आई थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की वैश्विक उपस्थिति लगातार बढ़ी है ।”

उद्घाटन समारोह में अन्य अतिथियों में डा. विनोद बिंद, सांसद भदोही ,, भारत सरकार श्रीमती अमृत राज, विकाश आयुक्त (हस्तशिल्प), भारत सरकार की गरिमामयी उपस्थिति रही |
नीलम शमी राव, वस्त्र सचिव, भारत सरकार एवं अमृत राज, विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), भारत सरकार वही दीप प्रज्जवलित कर फेयर डायरेक्टरी का विमोचन किया ।

वर्तमान वैश्विक टैरिफ परिस्थितियों और युद्ध जैसी जटिल अंतरराष्ट्रीय स्थिति के बावजूद, परिषद् ने सफलतापूर्वक 42 देशों से 215 विदेशी खरीदारों की मेजबानी की। इसके अतिरिक्त 200 से अधिक खरीद प्रतिनिधि (बायर एजेंट) भी इस आयोजन में शामिल हुए। उल्लेखनीय रूप से लगभग 12 खरीदार ऑस्ट्रेलिया से तथा 10 खरीदार यूनाइटेड किंगडम से उपस्थित रहे जो की पिछले संस्करण से इन देशों की खरीदारों की संख्या में वर्धि हुई है । हालही में हुई विदेश व्यापर समझोतो (FTA) यह दर्शाता है कि भारतीय कालीन उद्योग न केवल पारंपरिक बाजारों में अपनी स्थिति को सुदृढ़ कर रहा है, बल्कि बाजार विविधीकरण की दिशा में भी ठोस कदम उठा रहा है।

वर्तमान वैश्विक टैरिफ स्थिति और व्यापारिक अनिश्चितताओं के कारण इस वर्ष प्रदर्शकों की संख्या अपेक्षाकृत कम रही, परंतु जिन प्रदर्शकों ने परिषद् और उद्योग पर विश्वास जताते हुए मेले में भागीदारी की, उन्हें अत्यंत सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए। इसके बावजूद, संस्करण को दुनिया भर से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली — इसमें ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, बेल्जियम, ब्राज़ील, बुल्गारिया, कनाडा, इजिप्ट, फ्रांस, इटली, जापान, कज़ाकिस्तान, स्विट्जर्लैंड, ताइवान, टर्की, USA, चिली, फ़िनलैंड , ईरान, रुस, यु ऐ ई, यु के, जैसे देश शामिल है।

प्रतिभागियों की प्रतिक्रियाओं के अनुसार, लगभग 1400 से 1600 व्यापारिक पूछताछ प्राप्त हुई हैं, जिनसे ₹ 200 से ₹240 करोड़ रुपये के संभावित व्यापार की उम्मीद है। यह भारतीय कालीन उद्योग की दृढ़ता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में उसकी निरंतर प्रासंगिकता का प्रमाण है।

मेले के दुसरे दिन प्रदेश के सहकारिता राज्य मंत्री जे पी एस राठौर ने कालीन मेले का भ्रमण किया और कालीन निर्यातको से बातचीत की और कहा कि यह कालीन मेला पूर्वांचल के प्रगति में अहम साबित होगा | उन्होंने मेले में विभिन्न उत्पादों को देखकर सराहना की और उन्होंने ने आयोजको को धन्यवाद दिया देते हुए कहा एक जिला एक उत्पाद में कालीन निर्माण के लिए चयनित जिले में ही कालीन का मेला लगाना बहुत अहम् है |

मेले की अंतिम दिन भदोही के पूर्व सांसद विरेंद्र सिंह ने कारपेट एक्सपो का दौरा किया किया और प्रतिभागी निर्यातकों का मनोबल बढाया | पत्रकारों से वार्ता के दोरान कहा की भारतीय कालीन उद्योग देश की कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से गहराई से जुड़ा हुआ है। किसान भेड़ पालन करके ऊन प्राप्त करते हैं, वहीं जूट और कपास जैसी फसलों से भी इस उद्योग को बल मिलता है। ग्रामीण भारत में लोग खेती और पशुपालन के साथ-साथ कालीन बुनाई का कार्य भी करते हैं। उन्होंने कहा कि कालीन उद्योग स्वदेशी भारत का एक मजबूत माध्यम है, जो कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाता है।

परिषद् के अध्यक्ष कुलदीप राज वाटल ने कहा कि वैश्विक टैरिफ चुनौतियों और अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के बावजूद इस बार के मेले से अत्यंत उत्साहजनक परिणाम प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि परिषद् अब भारतीय कालीन उद्योग के लिए नए अंतरराष्ट्रीय बाजारों की खोज पर विशेष ध्यान देगी और विदेशों में अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों के आयोजन की योजना बना रही है, ताकि उद्योग को वैश्विक स्तर पर और अधिक अवसर मिल सकें। श्री वाटल ने यह भी बताया कि इस बार मेले में नए उद्यमियों और स्टार्टअप्स की भागीदारी देखी गई, जो उद्योग में नई ऊर्जा और नवाचार का प्रतीक है।

अंत में श्री वाटल ने सफल आयोजन के लिए जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, जिला प्रशासन एवं सुरक्षा व्यवस्था में लगे सभी अधिकारियों और कर्मियों का हार्दिक धन्यवाद व्यक्त किया।

सीईपीसी प्रशासनिक समिति के सदस्यों ने बताया कि भाग लेने वाले सदस्यों से प्राप्त प्रतिक्रिया के अनुसार भागीदार तथा एक्सपो में आने वाले विदेशी खरीदार बहुत खुश थे और अंतरराष्ट्रीय स्तर का ऐसा मंच प्रदान करने के लिए प्रतिभागियों ने प्रशासनिक समिति के सदस्यों को धन्यवाद दिया । सभी सदस्यों ने परिषद् की कर्वाहक सचिव समेत सभी स्टाफ मेम्बेर्स की सरहना की |

अध्यक्ष श्री कुलदीप राज वाटल ने मेले की सफलता के लिए प्रशासनिक समिति के सदस्य श्री अनिल कुमार सिंह, आलम महबूब, बोध राज मल्होत्रा, दीपक खन्ना, हुसैन जफर हुसैनी, इम्तियाज अहमद, पीयूष बरनवाल, महावीर प्रताप शर्मा, मेराज यासीन जान, मुकेश कुमार गोंबर, मोहम्मद वासिफ अंसारी,रवि पाटोदिया, संजय गुप्ता, शौकत खान, शेख आशिक अहमद, सूर्यमणि तिवारी और रोहित गुप्ता इस मेले की सफलता के लिए लगातार विशेष सहयोग दे रहे हैं जिससे उद्योग को ऊंचाइयों पर पहुंचाई जा सके। कार्यवाहक कार्यकारी निदेशक डा स्मिता नागरकोटि ने कहा कि एक्सपो वैश्विक बाजार में भागीदारी बढ़ाने का बड़ा माध्यम है जिसका उपयोग निर्यातकों द्वारा किया जा रहा है ।

परिषद् जल्द ही इंडिया कारपेट एक्सपो नई दिल्ली संस्करण की तरीको की घोषणा करेगी